नई दिल्ली। बुद्धि के देवता कहे जाने वाले ग्रह बुध 22 Sep Budh ka Gochar 2021 ने एक बार फिर गोचरकिया है। 8 सितंबर को उच्च के हुए बुध ने 22 सितंबर को अपना राशि परिवर्तन कर लिया है। जी हां अपनी उच्च की राशि कन्या से तुला में पहुंच गए हैं। इसमें दो दिन रहने के बाद ये वक्री हो जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र में वक्री बुद्ध बुद्धि भ्रमित कर सकते हैं।
वक्री होने पर उल्टी हो जाती है चाल
पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार जब कोई भी ग्रह वक्री होता है तो वह उल्टी चाल चलने लगता है। उल्टी चाल चलने पर वह उथल—पुथल उत्पाद मचाता है। इसी के चलते बुध भी वक्री होकर बुद्धि संबंधी कारकों में उत्पाद मचाएंगे। लोगों को किसी भी प्रकार के निर्णय लेने में सावधानी रखनी होगी। अन्यथा बुद्धि भ्रमित हो सकती है। इसी के साथ प्राकृतिक उत्पाद भी हो सकते हैं। वाणी, बुद्धि, धर्म-कर्म, कारोबार का प्रतिनिधि करते हैं। इससे संबंधित क्षेत्रों में बवाल मच सकता है।
ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार बुध जब वक्री हो तो किसी 22 Sep Budh ka Gochar 2021 भी काम में अति उत्साह नहीं दिखाना चाहिए। वक्री बुध के समय में जल्दबाजी या अति सक्रियता में कोई काम करने से परिणाम बुरे मिलते हैं। नए कार्यो को बुध के मार्गी होने तक टाल देना चाहिए। 22 सितंबर को तुला में प्रवेश करने के बाद 24 सितंबर को सुबह वक्री हो जाएगा। इसके बाद 13 अक्टूबर तक इसी अवस्था में रहकर पुन: कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
जन्म कुंडली में वक्री बुध हो तो क्या करें
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो जिन जातकों की जन्मकुंडली में बुध शुरू से ही वक्री हैं उन्हें इस वक्रत्व काल के दौरान विशेष सावधान रहने की जरूरत है।
— अपनी वाणी पर संयम रखना होगा।
— किसी से अपशब्द न कहें।
— इस समय में नया कार्य बिलकुल प्रारंभ न करें।
— कार्यस्थल पर सबकुछ यथावत चलने दें। परिवर्तन लाने की कोशिश न करें।
— बड़ा निवेश करने से बचें।
— दांपत्य जीवन में तनाव पैदा हो सकता है।
सभी राशि वालें ये करें उपाय
बुध के वक्री होने के दौरान सभी राशि के जातकों को ईमानदारी के साथ करना होगा। तनाव न लें। बुध 22 दिन वक्री रहेंगे। कर्म शुद्ध रखें। इतना ही नहीं पैसों का लेन-देन करने में विशेष सावधानी रखना होगी।
नोट — इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विषय विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।