नई दिल्ली। भारतीय रेल को देश की जीवन रेखा कहा जाता है। लोग देश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने के लिए सबसे ज्यादा रेलवे का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में देश के चुनिंदा रेलवे स्टेशनों को एयरपोर्ट के तर्ज पर विकसित किया जा सकता है। मध्य प्रदेश का हबीबगंज रेलवे स्टेशन हो या फिर गांधीनगर का कैपिटल रेलवे स्टेशन। इन सभी स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाया गया है। इसी कड़ी में अब देश की राजधानी नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर एक्जीक्यूटिव लाउंज को खोला गया है। इस लाउंज को IRCTC ने तैयार किया है।
स्टेशन पर फाइव स्टार जैसी सुविधा
लाउंज में यात्रियों को ऐसी सुविधाएं मिलेंगी जो अब तक सिर्फ फाइव स्टार होटलों या अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर ही मिलती थीं। यहां बैठने के लिए आरामदायक कुर्सी, बिजनेस सेंटर, बुफे व शॉवर रूम जैसी कई सुविधाएं यात्रियों को मिलेगीं। हालांकि, यह सुविधाएं मुफ्त नहीं हैं। यहां एक घंटा रुकने के लिए 150 रुपए और इसके बाद प्रतिघंटा 99 रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
देशभर में इस तरह के सात लाउंज बनाए गए हैं
एक्जीक्यूटिव लाउंज में आपको वाई फाई, बैठने का स्थान, मोबाइल-लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट और कॉम्प्लीमेंट्री कॉफी दी जाएगी। यदि आप आराम कुर्सी (रेक्लाइनर्स) का उपयोग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अलग से 500 रुपए प्रति दो घंटे की दर से भुगतान करना होगा। बतादें कि देशभर में इस तरह के सात लाउंज बनाए गए हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यह दूसरा लाउंज है। इससे पहले आईआरटीसीटी ने ही 2016 में पहला लाउंज खोला था, जो प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर है। इसी प्रकार के लाउंज आगरा, जयपुर, सियालदह, अहमदाबाद और मदुरै रेलवे स्टेशनों पर भी बनाए गए हैं।
हर चीज के लिए देना होगा पैसा
नए लाउंज में खाने के लिए बुफे सिस्टम बनाया गया है, जहां यात्रियों को वेज और नॉनवेज दोनों ही तरह के भोजन की व्यवस्था मिलेगी। यहां भोजन की कीमत 250 रुपये से लेकर 350 रुपये प्रति व्यक्ति तय की गई है। यहां एक ओपन किचन भी बनाया गया है, जहां इंडियन, कॉन्टीनेंटल और चाइनीज भोजन उपलब्ध रहता है। यात्रियों को इस लाउंज में नहाने और कपड़े बदलने की सुविधा भी दी गई है। इसके लिए 200 रुपये फीस तय की गई है। लाउंज में एक बिजनेस सेंटर भी बनाया गया है, जहां कम्प्यूटर और प्रिंटर का उपयोग किया जा सकेगा। इसे उपयोग करने के बदले यात्रियों को 100 रुपए प्रति घंटा फीस देनी होगी।