भोपाल। केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन की अगले महीने मध्यप्रदेश से राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना प्रबल हो गयी है क्योंकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। भाजपा ने शनिवार को मुरुगन को चार अक्टूबर को राज्यसभा के होने वाले उपचुनाव के लिए मध्यप्रदेश से उम्मीदवार घोषित किया है। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत के इस्तीफे के बाद उच्च सदन की एक सीट इस साल जुलाई में खाली हो गयी, गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने रविवार को बातचीत में कहा कि हम किसी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथजी ने प्रदेश में एक सीट पर होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए पार्टी के किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया है।
हाल ही में बने थे मंत्री
मुरुगन को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद में शामिल किया है, उन्हें छह महीने के अंदर संसद सदस्य बनना होगा। प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि मुरुगन का राज्यसभा में आना लगभग तय है, क्योंकि भाजपा को मध्यप्रदेश की विधानसभा में बहुमत प्राप्त है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार मुरुगन के नाम की घोषणा होने से पहले भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कैलाश विजयवर्गीय और उमा भारती का नाम राज्यसभा की इस सीट के लिए चल रहा था। मध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा के 125 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 95, बसपा के दो, सपा का एक तथा चार निर्दलीय विधायक हैं। तीन सीटें अभी रिक्त हैं । राज्य की 11 राज्यसभा सीटों में से भाजपा के पास वतर्मान में सात और कांग्रेस की तीन सीटें हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 22 सितंबर है और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 सितंबर है।