नई दिल्ली। आज पीएम मोदी का 71वां जन्मदिन है। उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वड़नगर में ‘मूलचंद मोदी’ और ‘हीरा बेन’ के घर में हुआ था। नरेंद्र मोदी पांच भाई बहन में दूसरे नंबर पर आते हैं। बचपन से ही पीएम मोदी काफी मेहनती थे। यही कारण है कि उन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है। मोदी के बारे में वैसे तो कई कहानियां हैं। लेकन आज हम आपको एक ऐसी कहानी के बारे में बताएंगे जिसे कम ही लोग जानते हैं।
दंगों में जफर का कारोबार तबाह हो गया
प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी को कट्टर हिंदू माना जाता था। गुजरात में हुए 2002 दंगों के बाद तो लोग उन्हें मुस्लिमों के खिलाफ ही मानते थे। खासकर मुस्लिम समुदाय तो उन्हें अपना विरोधी ही मानता था। तब इन विरोधियों में से एक थे ‘जफर सरेशवाला’। गुजरात दंगों के समय उनका सबकुछ लुट गया था। सरेशवाला एक गुजराती मुस्लिम परिवार से आते हैं और उनका परिवार 250 साल से अहमदाबाद में रहकर कोरोबार करता है। 2002 के दंगों से पहले उनका परिवार सबसे अधिक जकात यानी दान देने वाले लोगों की सूची में आता था। लेकिन दंगों के बाद उनका घर , व्यापार सब तबाह हो गया। इस हिंसा के कारण उनका परिवार सड़कों पर आ गया।
महीनों तक जले हुए दफ्तर में नहीं गए थे
उनके दफ्तर को जला दिया गया था। सारी चीजें आग की भेंट चढ़ गई थीं। सरेशवाला पर क्या गुजरी होगी आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि वे नौ महीनों तक अपने जले हुए दफ्तर में नहीं गए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने जज्बे और लगन के बूते व्यापार को फिर से खड़ा किया। इस भायावह हादसे के बाद जफर सरेशवाला, नरेंद्र मोदी के प्रमुख विरोधियों में से एक बन गए और भारत छोड़कर ब्रिटेन चल गए।
2003 में मोदी से मुलाकात
यहां उन्होंने नरेंद्र मोदी के खिलाफ अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में केस करने का फैसला किया। इस दौरान उन्होंने मोदी के विरोध में कई रैलियां भी की। लेकिन 2003 में सरेशवाला ने कुछ लोगों के कहने पर महेश भट्ट और रजत शर्मा की मदद से मोदी से मुलाकात की। इस दौरान मोदी और सरेशवाला जैसे ही एक-दूसरे के आमने सामने आए, मोदी ने जफर सरेशवाला के कंधे पर हाथ रखते हुए मजाक के लहजे में कहा- यार क्या तू भी अंग्रेजों की गुलामी कर रहा है, तुमारी जरूरत हिंदुस्तान को है।
मोदी ने दिलाया भरोसा
सरेशवाला ने मोदी के साथ लंबी मुलाकात की ताकि मतभदों को दूर किया जा सके। इस दौरान मोदी ने सरेशवाला को भरोसा दिलाया कि वह मुसलमानों से नफरत नहीं करते, बल्कि गुजरात के सभी लोगों के मुख्यमंत्री हैं। साथ ही मोदी ने एक कागज पर अपना नंबर लिखकर सरेशवाला को दिया और कहा- कोई भी दिक्कत हो आप हमें 24X7 कभी भी कॉल कर सकते हैं मैं हमेशा आपके लिए मौजूद रहूंगा।
स्पीड डायल पर है नरेंद्र मोदी का नंबर
मोदी ने सरेशवाला से दो वादे किए। पहला यह कि अब गुजरात में फिर कभी दंगे नहीं होंगे और दूसरा 2002 के दंगों में शामिल लोगों को सजा दी जाएगी। इस मुलाकात ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ जफर सरेशवाला की नफरत को कम कर दिया। वे साल 2005 में ब्रिटेन से वापस गुजरात लौट गए और अपना कारोबार भारत से ही संभालने लगे। सरेशवाला को अब मोदी से सबसे करीबी लोगों में माना जाता है। कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी का नंबर जफर सरेशवाला के मोबाइल में स्पीड डायल पर है। जफर भी कहते हैं कि मोदी ने गुजरात में इतना विकास किया था और सबके लिए किया था कि अब वहां के मुस्लमान यानी गुजराती मुस्लमान नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करते हैं।