नई दिल्ली। अब आपको Digital KYC For Sim नई सिम कार्ड खरीदने के लिए किसी भी तरह के फॉर्म भरने या दस्तावेज जमा करने की झंझट नहीं होगी। इसे लेकर बुधवार को सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जिसके तहत अब नई सिम के लिए हार्डकॉपी नहीं बल्कि डिजिटल KYC से ही इसे खरीदा जा सकेगा। सिम कार्ड के लिए दस्तावेज का वेरिफिकेशन डिजिटल रूप में ही होगा।
इसलिए लिया गया फैसला
सरकार द्वारा डिजिटल KYC को मंजूरी दे दी गई है। जिसकी मुख्य वजह टेलीकॉम कंपनियों के पास 400 करोड़ से कागजों का अंबार इकट्ठा होना है। सरकार का कहना है कि अगर ये फैसला नहीं लिया गया तो इन कागजों में इजाफा हो जाएगा। ऐसे में अब नए मोबाइल कनेक्शन के लिए डिजिटल KYC कराने का फैसला लिया गया है।
All new customer acquisitions are to be done through digital forms only in the coming future.
Auction calendar will be fixed – spectrum auctions to be normally held in the last quarter of every financial year.
– Union Minister @AshwiniVaishnaw #CabinetDecisions pic.twitter.com/s9MNfq9IFg
— PIB India (@PIB_India) September 15, 2021
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई ये जानकारी
सरकार की ओर जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि सिम कार्ड sim card खरीदने के लिए अब डिजिटल फॉर्मेट में कस्टमर का वेरिफिकेशन होगा। इतना ही नहीं इसमें प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में करवाए जाने पर दोबारा KYC नहीं कराना होगा।
मोबाइल टावर की समस्या होगी हल
सरकार की मानें तो मोबाइल टावर mobile tower को लेकर कई तरह के फ्रॉड केस आजकल सामने आने लगे हैं। अत: इस समस्या से निपटने के लिए भी एक नया तरीका खोजा गया है जिसके तहत अब सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर टावर का इंस्टालेशन किया जाएगा।
इन कंपनियों को मिली राहत
डिजिटल केवाईसी digital KYC के बड़े एलान के साथ—साथ एक और महत्व पूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके तहत सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है। टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम चार्जेज और AGR बकाए को चुकाने के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया गया है। साथ ही अब एजीआर कैलकुलेशन में नॉन टेलीकॉम रेवेन्यू को शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा एजीआर के ब्याज दरों में भी सरकार द्वारा बड़ी राहत दी गई है।