अजय नामदेव, शहडोल। आधुनिक भारत की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है। जिसने सरकार के विकास व सिस्टम के पोल खोल कर रख दी है। जिले के कुछ गांव में अभी भी सड़कें नहीं हैं, जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि यदि कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे खटिया पर लिटाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के शहडोल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बेमहौरि से सामने आया है। यहां एक 70 वर्षीय बृद्ध महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गई। महिला को अस्पताल ले जाने के लिए साधन नहीं मिल पाया। दरअसल यहां महिला के गांव से सड़क और पुलिया नहीं होने से कारण यहां गाड़ी नहीं पहुंच पा रही थी। इसके बाद महिला के परिजनों ने उसे लकड़ी के खाट ( खटिया ) पर लेटाया और बेटा-पोतों ने कंधे देकर कई किलोमीटर का सफर तय कर और नदी को पार करते हुए अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
दरअसल शहडोल और अनूपपुर जिले के जुड़ाव सीमा में सोहागपुर जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेम्हौरी निवासी प्रेमबती बैगा 70 वर्ष अपने किसी रिश्तेदार के घर से लौट रही थी। अचानक रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ी तो उसने अपने बेटे और पोतों को बताया। इसके बाद परिजनों ने महिला को खटिया पर लेटाकर कई किमी की यात्रा कर मुख्य सड़क तक लाए। इसके बाद मोटर साइकिल पर बैठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेम्हौरी लाया गया। यहां काफी मशक्कत के बाद बृद्ध महिला का इलाज हो सका।
कलेक्टर ने दिया मदद का आश्वासन…
वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद शहडोल कलेक्टर ने तत्काल एक टीम महिला के घर भेजी। साथ ही कलेक्टर ने महिला के परिजनों से भी फोन पर बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। आपको बता दें कि बेम्हौरी पंचायत क्षेत्र में शहडोल और अनूपपुर जिला की सीमा को जोड़ने वाले मार्ग बेम्हौरी से पटना 3.40 किलोमीटर की सड़क आजादी के बाद से आज तक नहीं बनी है। मार्ग में एक नाला (जुड़मानी) भी पड़ता है। ऐसे में ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बीते कुछ दिन पहले इसी मार्ग में पुलिया के लिए वर्षों से खोद कर छोड़ दिए गए गड्ढे में एक मोटरसाइकिल सवार दुघर्टना का शिकार हो गया था।