नई दिल्ली। सरकार ने देश में 15,000 से अधिक स्कूलों को आदर्श स्कूल Govt Model School के रूप में विकसित करने की कवायद तेज कर दी है और इस कड़ी में शिक्षा मंत्रालय ने वित्तीय संसाधनों के लिये केंद्रीय वित्त मंत्रालय के समक्ष एक प्रस्ताव भेजा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों का कहना है कि इस प्रस्ताव पर वित्त व्यय समिति की मंजूरी के बाद इसे मंत्रिमंडल के समक्ष भेजा जा सकता है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को शामिल करते हुए देश में 15,000 से अधिक स्कूलों को गुणात्मक रूप से सुदृढ़ कर उन्हें अपने क्षेत्र में आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने की घोषणा इस Govt Model School साल के केंद्रीय बजट में की गई थी ।
सरकार का लक्ष्य साल 2024 तक देश में इन आदर्श स्कूलों को तैयार करने का है । शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘ आदर्श स्कूलों की स्थापना के लिये वित्त व्यय समिति का नोट तैयार कर लिया गया है Govt Model School और इसे वित्त मंत्रालय के विचारार्थ भेजा गया है। ’’
सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया कि इसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में एक प्रारंभिक और एक प्राथमिक Govt Model School स्कूल और प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और एक उच्च माध्यमिक स्कूल को उत्कृष्ट स्कूलों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रस्ताव के अनुसार आदर्श स्कूल में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं विविध अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उप्लब्धता सुनिश्चित करने Govt Model School की बात कही गई है।
सूत्रों ने कहा कि ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के अनुकरणीय विद्यालयों के रूप में उभरेंगे। उनके अनुसार इन स्कूलों में अपनायी गई शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक, समग्र, Govt Model School एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित, जिज्ञासा एवं शिक्षार्थी केंद्रित, चर्चा आधारित, लचीला एवं सुखद होगा । इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी।