नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने Politics राहुल गांधी की ‘नीट’ प्रवेश परीक्षा टालने की मांग पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता एक ‘छद्म विशेषज्ञ’ हैं जो ‘‘अति महत्वाकांक्षी’’ और ‘‘अपनी समझ को लेकर गलतफहमी के शिकार’’ हैं ।
प्रधान ने कहा कि नीट परीक्षा को लेकर राहुल का बयान उच्चतम न्यायालय एवं विशेषज्ञों की ‘बुद्धिमत्ता पर सवाल’ उठाना है । शिक्षा मंत्री ने कहा कि युवराज को झूठ गढ़ने में महारत हासिल है और उन्हें वहीं तक सीमित रहना चाहिए और ऐसे विषयों पर बयान नहीं देना Politics चाहिए जो उनकी समझ से परे हैं ।
.@RahulGandhi perceives himself to be an expert on everything without having an iota of knowledge.
Overflowing vanity & misplaced sense of entitlement of a failed crown prince is no alibi to meddle into the schedule of examinations, give undue stress & make the students suffer. https://t.co/xniWpcxWox
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) September 8, 2021
शिक्षा मंत्री प्रधान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को स्थगित करने की मांग करते हुए मंगलवार को कहा था कि छात्रों को एक निष्पक्ष मौका मिलना Politics चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया था कि भारत सरकार को छात्रों की परेशानी नहीं दिख रही है।
नीट परीक्षा को स्थगित करिये। छात्रों को निष्पक्ष मौका दीजिये। सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) को टालने से इनकार करते हुए कहा था कि वह प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता और इसकी तारीख में बदलाव करना ‘अनुचित’ होगा। नीट-यूजी 12 सितंबर को होनी है।
वहीं, धर्मेन्द्र प्रधान ने राहुल गांधी के बयान Politics पर ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘ किसी विषय की रत्ती भर जानकारी नहीं होने के बावजूद राहुल गांधी खुद को सभी विषयों का विशेषज्ञ समझते हैं । अति महत्वाकांक्षी और अपनी समझ को लेकर गलतफहमी के शिकार युवराज को निर्धारित परीक्षा कार्यक्रम में बीच में टांग अड़ाने तथा छात्रों को अनावश्यक तनाव देने एवं परेशान करने का कोई अधिकार नहीं है। ’’
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने नीट परीक्षा पुन: निर्धारित करने संबंधी Politics याचिका को स्वीकार नहीं किया और इसे आगे बढ़ाने को बड़ी संख्या में छात्रों के लिये अनुचित बताया । उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल गांधी एक छद्म विशेषज्ञ हैं, जो पीठ और विशेषज्ञों की सामूहिक बुद्धिमता पर सवाल उठा रहे हैं । ’’