नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि नेत्रदान पर Eye Donation मिथकों और झूठी मान्यताओं को दूर करने तथा इस बारे में जागरुकता बढ़ाने लिए मशहूर हस्तियों को शामिल करके हर राज्य में स्थानीय भाषाओं में बड़े पैमाने पर मल्टीमीडिया अभियान शुरू करने की जरूरत है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, उपराष्ट्रपति 36वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने ‘डोनर कॉर्निया टिश्यू’ की मांग और आपूर्ति के बीच भारी अंतर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुःखद है कि प्रत्यारोपण के लिए डोनर कॉर्निया टिश्यू की कमी के कारण बहुत सारे Eye Donation लोग ‘कॉर्नियल ब्लाइंडनेस’ से पीड़ित हैं।
यह समय की मांग है कि लोगों में नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए।’’ नायडू ने कहा, ‘‘उन लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि उनकी आंखें दान करने के नेक कार्य से कॉर्नियल ब्लाइंड लोगों को देखने में मदद मिलेगी जिससे वे इस सुंदर दुनिया Eye Donation को फिर से देख पाएंगे।’’
उनके मुताबिक, अगर हम सभी अपनी आंखें दान करने का संकल्प लें, तो ‘कॉर्नियल ट्रांसप्लांट’ की प्रतीक्षा कर रहे सभी Eye Donation रोगियों का इलाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हमारी संस्कृति एक ऐसी संस्कृति है जहां शिबी और दधीचि जैसे राजाओं और ऋषियों ने अपने शरीर दान किए थे।
ये उदाहरण हमारे समाज के मूल मूल्यों, आदर्शों और संस्कारों Eye Donation के इर्द-गिर्द निर्मित हैं।’ उप राष्ट्रपति ने लोगों को प्रेरित करने और अंगदान को बढ़ावा देने के लिए उन मूल्यों और कहानियों को आधुनिक संदर्भ में फिर से परिभाषित करने का आह्वान किया।