(Imgae Source Twitter: @IivIaughIove)
लंदन। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने सोमवार को कहा कि Tony Blair On Jihadist चरमपंथी इस्लाम की विचारधारा के रूप में और इस तरह के मकसद को हासिल करने के लिहाज से हिंसा के इस्तेमाल, दोनों ही रूपों में, इस्लामवाद दुनिया के लिए सबसे प्रमुख सुरक्षा खतरा है।
अमेरिका में 2001 में हुए 9/11 के आतंकवादी हमले की 20वीं बरसी के मौके पर लंदन के थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेस इंस्टीट्यूट (आरयूएसआई) में भाषण देते हुए ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री और इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज के संस्थापक ब्लेयर ने चेतावनी दी कि अफगानिस्तान में हाल में Tony Blair On Jihadist तालिबान का कब्जा इस बात की चेतावनी है कि चरमपंथी इस्लाम के खतरे को ऐसे ही अनदेखा नहीं किया जा सकता। तालिबान को ‘चरमपंथी इस्लाम के वैश्विक आंदोलन’ का हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मुहिम में अनेक अलग-अलग संगठन शामिल हैं, लेकिन वे समान बुनियादी विचारधारा साझा करते हैं।
ब्लेयर ने कहा, ‘‘चरमपंथी इस्लाम न केवल इस्लामवाद यानी धर्म को राजनीतिक सिद्धांत बनाने में भरोसा करता है, बल्कि इसे पाने के लिए सशस्त्र संघर्ष जरूरी हो तो उसकी जरूरत को भी जायज ठहराता है। अन्य इस्लामवादी ऐसा ही नतीजा चाहते हैं लेकिन हिंसा से बचते हैं। लेकिन Tony Blair On Jihadist विचारधारा खुले, आधुनिक, सांस्कृतिक रूप से सहिष्णु समाज के साथ अपरिहार्य टकराव वाली ही है। मेरे विचार से इस्लामवाद, विचाराधारा और हिंसा दोनों ही तौर पर प्रमुख सुरक्षा खतरा है तथा इसे नहीं रोका गया तो यह हमें ही नुकसान पहुंचाएगा।’’
ब्लेयर ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के मद्देनजर Tony Blair On Jihadist संवेदनशील स्थितियों का आकलन करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 ने हमें घातक वायरसों के बारे में सबक सिखाया है।’’ जब अफगानिस्तान में अल-कायदा के खिलाफ अमेरिका नीत नाटो की मुहिम में ब्रिटेन शामिल हुआ था, तब ब्लेयर प्रधानमंत्री थे।