नई दिल्ली। कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। जिस चीज को सरकार लाख कोशिश के बाद भी नहीं रोक पा रही है उसे अब एक सॉफ्टवेयर रोकेगा। आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसी क्या चीज है जिसे सरकार नहीं रोक पाई। दरअसल, हम बात कर रहे हैं नशे में गाड़ी चलाने वाले लोगों की। सरकार लाख कोशिशों के बाद भी इस दिशा में फेल नजर आती है। लेकिन अब अगर कोई व्यक्ति नशे में है तो उसकी गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी। भिवानी के एक छात्र ने ऐसे सॉफ्टवेयर को बनाया है जिसकी मदद से ड्रिंक एंड ड्राइविंग को रोका जा सकता है। आइए जानते हैं इस सॉफ्टवेयर के बारे में।
AI टेक्नोलॉजी की मदद से बनाया सॉफ्टवेयर
हरियाणा के रहने वाले 20 वर्षीय छात्र मोहित ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इस सॉफ्टवेयर को तैयार किया है। इसे गाड़ी में इंस्टॉल कराया जा सकता है। बतादें कि देश में ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं नशाखोरी के कारण होती हैं। लोग नशे में गाड़ियां चलाते हैं और अचानक गाड़ी पर से कंट्रोल खो देते हैं। ऐसे में खुद की तो जान जाती ही है, दूसरों की भी ले लेते हैं।
सरकार रोकने के लिए कई प्रयास करती है
सरकार समय-समय पर नशे में ड्राइविंग को रोकने के लिए कई प्रयास करती है। कानून को भी सख्त किया गया है। अगर कोई व्यक्ति नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही गाड़ी को भी जब्त किया जा सकता है। लेकिन कुछ भी हो सरकार की ये सभी कोशिशें बेकार दिखती हैं। क्योंकि लोग नशे की हालात में गाड़ी चलाने से बाज नहीं आ रहे। हालांकि, अब मोहित द्वारा बनाए गए इस सॉफ्टवेयर को एक बार गाड़ी में इंस्टॉल करा दिया जाए तो नशे में चुर ड्राइवर गाड़ी को स्टार्ट नहीं कर पाएगा।
सॉफ्टवेयर में अल्कोहल डिटेक्शन डिवाइस लगी है
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीटेक की पढ़ाई कर रहे मोहित यादव ने इस सॉफ्टवेयर से नई उम्मीद जगाई है कि सड़कों पर जानलेवा हादसे नहीं होंगे। खासकर तब जब कोई नशे में गाड़ी चलाने की सोच रहा हो। मोहित की माने तो इस तकनीक से शराब पीने वाला व्यक्ति गाड़ी को स्टार्ट ही नहीं कर सकेगा। दरअसल इस सॉफ्टवेयर में एक अल्कोहल डिटेक्शन डिवाइस लगी है जो शराब पीने वाले को पहचान जाती है। इसमें ऐसी तकनीक लगाई गई है जो शरीर में शराब की मात्रा को पकड़ लेती है।
अल्कोहल की वैल्यू 0.08 परसेंट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए
इस सॉफ्टवेयर में एक ऑडोमीटर लगा है जो ड्राइवर के ठीक सामने स्टियरिंग के पास लगा होगा। ड्राइवर सीट पर जैसे ही कोई शराब पीकर बैठेगा और उसकी सांस से अल्कोहल के पार्टिकल ऑडोमीटर पर पड़ेंगे, वह अल्कोहल की मात्रा को पकड़ लेगा और गाड़ी के इंजन को स्टार्ट नहीं होने देगा। इस सॉफ्टवेयर के डिवाइस गाड़ी के इंजन में भी फिट किए जाएंगे। इस ऑडोमीटर में सेंसर लगे होंगे जो अल्कोहल की वैल्यू को बताएंगे। अगर अल्कोहल की वैल्यू 0.08 परसेंट से ज्यादा होगी तो गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी।
ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर
हालांकि यह सॉफ्टवेयर सिर्फ वैसे लोगों पर काम करेगा जो ड्राइवर सीट पर बैठेगा। इस सॉफ्टवेयर को और भी कई काम के लिए तैयार किया जा रहा है। जैसे कोई ड्राइवर सड़क पर ज्यादा रफ तरीके से गाड़ी नहीं चला सके। अगर लेन ज्यादा बदला जाएगा तो उसका सिग्नल ट्रैफिक कमांड को भेजा जा सकेगा। अगर ड्राइवर कार का सीट बेल्ट नहीं लगाएगा तो गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी। साथ ही यह सॉफ्टवेयर कोहरे से भी निपटने में सक्षम है और ड्राइवर को सड़क और ट्रैफिक की सही जानकारी दे सकेगा। इसके लिए गाड़ी में अल्ट्रासोनिक सेंसर लगाए जाएंगे जो बताएंगे कि कोहरे में आपकी गाड़ी के आगे कोई दूसरी गाड़ी या कोई राहगीर तो नहीं चल रहा।
यह सॉफ्टवेयर ड्राइवर को अलर्ट कर देगा। इसके बाद भी ड्राइवर सचेत नहीं होता है तो सामने के ऑब्जेक्ट से 2 मीटर पहले गाड़ी में आवाज होने लगेगी। यह आवाज तब तक होती रहेगी जब तक गाड़ी का ब्रेक न लगाया जाए। मोहित ने अपने इस सॉफ्टवेयर का पेटेंट भी कराया है।