रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में तीन दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआत की। राज्य के दक्षिण क्षेत्र में भाजपा के इस आयोजन को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस चिंतन शिविर की शुरुआत मंगलवार शाम राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश की उपस्थिति में हुई। भाजपा नेताओं ने बताया कि बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के धरमपुरा क्षेत्र स्थित एक होटल में आयोजित चिंतन शिविर का आरंभ दीप जलाकर किया गया। इस मौके पर पार्टी की प्रदेश इकाई प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरम कौशिक समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। पुरंदेश्वरी ने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वनवासी समाज के हितों की चिंता देश की आजादी के बाद जितनी भाजपा ने की है। उतनी किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं की और कांग्रेस के लिए समाज का हर वर्ग हमेशा वोट बैंक का हिस्सा रहा है। पुरंदेश्वरी ने कहा, हम समाज के समग्र विकास के लिये कार्य कर रहे हैं। भाजपा ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो कार्यकर्ताओं को गौरव प्रदान करती है। कार्यकर्ता पूरी निष्ठा और समर्पण से संगठन को मजबूत बनाने के लिये कार्य करें।
पूर्व सीएम ने कही ये बात
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘बस्तर मेरे लिये मेरे घर जैसा ही है। बस्तर और मेरे गृह राज्य की सांझा संस्कृति हम सबको आपस में जोड़े रखी है।’’ वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि चिंतन शिविर के दौरान भाजपा राज्य में भविष्य की कार्ययोजना पर विचार करेगी। राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस में कथित विवाद को लेकर सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस में कुर्सी के लिए लोलुपता की पराकाष्ठा दिख रही है। राज्य में एक प्रकार से कुर्सी के लिए दौड़ चल रही है। कांग्रेस पूरी तरह से विभाजित हो गई है। कांग्रेस के दोनों गुट टकराव की चरम सीमा पर है।’’ आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी तय करेगी कि किसके नेतृत्व में आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा।
बस्तर क्षेत्र पहली बार शिवर का आयोजन
मुख्य विपक्षी दल भाजपा का यह कार्यक्रम ऐसे समय में आयोजित हो रहा है, जब सत्तारूढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी टी एस सिंहदेव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कथित रूप से टकराव की स्थिति है। छत्तीसगढ़ में पहली बार आदिवासी बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में भाजपा ने चिंतन शिविर का आयोजन किया है। राज्य में 15 वर्षों के शासन के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद इस आयोजन को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।