नई दिल्ली। सोमवार को श्रीकृष्ण Janmastmi 30 August 2021 जन्माष्टमी है। 30 अगस्त को हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। कोरोना संक्रमण कम होने के साथ पाबंदियां हटने से कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह है। लेकिन कई लोग मंदिर न जाकर घरों से ही भगवान के दर्शन करना चाहते हैं। आइए हम आपको बताते हैं उन मंदिरों की लिस्ट जिनके आप ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं।
श्रीद्वारका इस्कॉन मंदिर मथुरा —
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में जन्माष्टमी का त्योहार देखते ही बनता है। यहां स्थित द्वारका इस्कॉन मंदिर में 108 दिव्य द्रव्यों से अभिषेक कर भगवान की महाआरती की जाएगी। भोग भी विशेष होगा। इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर के अनुसार कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसलिए अधिक से अधिक संख्या में भक्तों के साथ जन्माष्टमी उत्सव मनाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। इस बार एक लाख 25 हजार भोग लगाए जाएंगे। 125 केंद्रों में भोजन वितरण किया जाएगा।
इस्कॉन मंदिर सुलतानपुर
सुलतानपुर रोड स्थित इस्कॉन मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी Janmastmi 30 August 2021 पर दो दिवसीय कार्यक्रम होगा। कृष्ण जन्मोत्सव पर मंदिर की विशेष सजावट होगी। सोमवार को सुबह 4:30 बजे मंगला आरती के साथ जन्मोत्सव की शुरुआत होगी। इसके बाद तुलसी पूजा और हरे रामा हरे कृष्णा का जाप होगा। सुबह 8 बजे से प्रभु श्री कृष्ण के श्रृंगार दर्शन होंगे। वृन्दावन से आने वाली कीर्तन मंडली पूरे दिन भजन कीर्तन करेगी। रात 12 बजे कृष्ण जन्म के साथ ही कीर्तन होंगे। मंगलवार को नंदोत्सव कार्यक्रम होगा।
अलीगढ़ श्री वार्ष्णेय मंदिर
अलीगढ़ स्थित वार्ष्णेय मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के लिए विशेष तैयारी की गई है। कोरोना संकट के कारण श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व कुछ अलग होगा। कान्हा का जन्म भी होगा। दुग्धभिषेक का आनंद यहां भी भक्त ऑनलाइन माध्यम से ही उठा सकेंगे। जन्माष्टमी कार्यक्रम का आनंद घर बैठे लोग ले सकेंगे। इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं मंदिर समिति की ओर से की जा रही हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम के लिए सम्पूर्ण मंदिर प्रांगण को सतरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। बाल रुप में ठाकुर जी के दर्शन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगा। कार्यक्रम का शुरूआत 30 अगस्त को सुबह 9.30 बजे लडडू गोपाल जी के दुग्धभिषेक से होगी। शाम को ठाकुर जी की आरती होगी। रात 12 बजे श्री कृष्ण के जन्म के समय दुग्धभिषेक होगा। उसके बाद सूपे में रखकर वासुदेव जी कान्हा जी को यमुना पार कराकर नंदबाबा के यहां छोड़ने जाएंगे। यह देखने दूर-दूर से भक्त श्री वार्ष्णेय मंदिर पहुचते हैं। लेकिन कोरोना संकट के कारण इस बार कोरोना की गाइडलाइंस को देखते हुए सामूहिक कार्यक्रम नहीं होंगे। कार्यक्रम में मंदिर के महंत, पुजारियों के साथ व्यवस्था से जुड़े लोग ही मंदिर में दर्शन कर पाएंगे। मास्क व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के साथ शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा। इस जन्माष्टमी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए और भक्तों को घर-घर दर्शन कराने के लिए विशेष व्यवस्थाएं मंदिर समिति की ओर से की गई हैं।
गोविंददेवजी मंदिर जयपुर
शहर में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में जन्माष्टमी का त्योहार खास रूप से मनाया जाता है। हालांकि इस बार भी भक्त श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के आयोजनों में ऑनलाइन ही शामिल हो पाएंगे। गोविंददेवजी मंदिर जन्माष्टमी पर 29 अगस्त से 31 अगस्त तक दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।