नई दिल्ली। संतान की लंबी उम्र Halshashti vrat 28 August 2021 के लिए कल माताएं हलषष्ठी का व्रत रखेंगी। हिन्दू धर्म में हलषष्ठी Hal Shashthi August 2021 व्रत का अपना अलग महत्व है। संतान की दीर्घायु के लिए किया जाने वाले इस व्रत की अपनी महत्ता है। भगवान श्री बलरामजी का मुख्य शस्त्र हल व मूसल होने के कारण इसे हलषष्ठी व्रत कहते हैं।
पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार Halshashti vrat 28 August 2021 बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल और मूसल होने के कारण इस व्रत को हलधर (Haldhar) कहते हैं। इन्हीं के नाम पर इस त्योहार को हलषष्ठी (Hal Shashti) भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन बिना हल जोते उगाए गए अन्न को खाने का विशेष नियम व महत्व है। इस दिन गाय के दूध व दही का सेवन वर्जित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है।
हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हलषष्ठी व्रत के नाम से जाना जाता है। इसी दिन बलराम जयंती Balram jayanti भी मनाई जाती है। इसे हल छठ, पीन्नी छठ या खमर छठ भी कहा जाता हैं। इस साल 2021 में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि यानि 28 अगस्त शनिवार को पड़ रही है।
कब से कब तक है षष्ठी तिथि
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 27 अगस्त 2021 शुक्रवार यानि आज शाम 6.50 बजे से शुरू हो रही है। जो कल 28 अगस्त को रात 8.55 बजे तक रहेगी।
भैंस के गोबर से बनती हैं छठ माता
हलषष्ठी पर घर या बाहर दीवाल पर भैंस के गोबर से छठ माता का चित्र बनाते हैं। जिसके बाद भगवान गणेश और मां गौरा का पूजन किया जाता है। घर में ही तालाब बनाकर महिलाएं उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पेड़ लगाती हैं। इसी स्थान पर बैठकर पूजन होता है। जिसमें हल षष्ठी की कथा सुनी जाती हैं।