इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में भीड़ द्वारा नाम पूछे जाने के बाद पीटे गए चूड़ी विक्रेता को पुलिस ने 13 वर्षीय स्कूली छात्रा के कथित लैंगिक उत्पीड़न तथा पहचान से जुड़े दस्तावेजों की जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने संवाददाताओं को बताया कि मूलतः उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली (25) को कक्षा छह में पढ़ने वाली छात्रा के कथित लैंगिक उत्पीड़न तथा अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया। लोक अभियोजन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने विशेष एहतियात बरतते हुए अली को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) सुमन श्रीवास्तव के सामने पेश किया जहां से उसे तीन सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया ।
पुलिस अधीक्षक बागरी ने बताया कि अली के सामान में मिले अलग-अलग नाम वाले दो आधार कार्ड की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है और पुलिस की एक टीम हरदोई भेजी गई है। उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता के सामान में जला हुआ मतदाता परिचय पत्र भी मिला है जिस पर धारक का नाम स्पष्ट नहीं है, लेकिन धारक के पिता के कॉलम में ‘मोहन सिंह’ छपा दिखाई दे रहा है। पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि नाबालिग स्कूली छात्रा ने अली के खिलाफ सोमवार को शहर के बाणगंगा थाने में इस आरोप में मामला दर्ज कराया कि वह अपना नाम ‘गोलू पिता मोहनसिंह’ बताकर रविवार दोपहर चूड़ियां बेचने उसके घर आया और उसने उसे ‘बहुत सुंदर’ बताते हुए बुरी नीयत से उसके शरीर को छुआ।
मिले दो आधार कार्ड
अधिकारी ने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि अली द्वारा जल्दबाजी में छोड़ दी गई थैली से दो आधार कार्ड मिले हैं और इनमें से एक में इसके धारक के नाम के रूप में ‘असलीम पिता मोरसिंह’ छपा है, जबकि दूसरे आधार कार्ड में ‘तस्लीम पिता मोहर अली’ अंकित है। स्कूली छात्रा की शिकायत पर अली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने से पहले, सामाजिक और सियासी गलियारों में उस वीडियो को लेकर खूब बवाल मचा था जिसमें गोविंद नगर में जुटी भीड़ में शामिल लोग इस चूड़ी विक्रेता को पीटते दिखाई दे रहे हैं, जबकि वह उनसे छोड़ देने का आग्रह कर रहा है। घटना के दूसरे वीडियो में चूड़ी विक्रेता को पीट रहा एक व्यक्ति उस पर महिलाओं से छेड़-छाड़ का आरोप लगाते हुए मौके पर मौजूद अन्य लोगों को उसकी पिटाई करने के लिए उकसा रहा है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद अली ने रविवार देर रात शहर के सेंट्रल कोतवाली थाने में इस आरोप को लेकर मामला दर्ज कराया था कि भीड़ में शामिल पांच-छह लोगों ने उसका नाम पूछा और जब उसने अपना नाम बताया, तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने मामला दर्ज कराते वक्त यह आरोप भी लगाया था कि उसे पीटने वाले लोगों ने उसके लिए सांप्रदायिक तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उससे 10,000 रुपये की नकदी, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ ही करीब 25,000 रुपये मूल्य की चूड़ियां छीन लीं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ में शामिल चार लोगों को चूड़ी विक्रेता से मारपीट के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।