भोपाल। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अब पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को काफी घूमता हुए देखा जा रहा है। राजधानी के बड़े तालाब पर रोजाना सैकड़ों सैलानी आ रहे हैं और यहां का आनंद ले रहे हैं। मंगलवार को पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने अपर लेक के बोट क्लब में पर्यटकों के लिए ‘टूरिस्ट सेलिंग बोट’ के संचालन की सुविधा का शुभारंभ किया। ठाकुर ने कहा कि राजा भोज की पावन नगरी भोपाल में आदिकाल से ही नवाचार की परंपरा रही है। पर्यटन विभाग पर्यटको को तनावमुक्त रखते हुए आनंदमय जीवन जीने की सुविधा देने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर नित नए नवाचार कर रहा है। मंत्री ठाकुर ने पूजन कर बोट संचालन का शुभारंभ किया।
ठाकुर ने पर्यटकों को सेलिंग बोट की सवारी करने का आमंत्रण देते हुए सेलिंग बोट की सवारी का आनंद लिया। उन्होंने बोट में पर्यटकों को दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा भी लिया। प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि वॉटर स्पोर्ट्स का नया फीचर सेलिंग बोट बड़े ताल की शोभा बढ़ाएगा। सेलिंग बोट का प्रदूषण रहित और पर्यावरण हितैषी होना इसे और खास बनाता है। महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोट में क्रू कैप्टन एक महिला को बनाया गया है। टूरिज्म सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रदेश के टूरिज्म होटल, टूरिस्ट स्पॉट और पर्यटन विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में स्थानीय क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार दिया जाएगा।
समुद्र में चलने वाली बोट अब अपर लेक में…
पर्यटन निगम के प्रबंध संचालक एस विश्वनाथन ने कहा कि यह गर्व की बात है कि समुद्र में चलने वाली सेलिंग बोट अब भोपाल लेक में चलेगी। पर्यटकों को 1 घंटे के टूर में वन विहार के आसपास के क्षेत्रों में भी यात्रा कराई जाएगी। पर्यटन निगम पर्यटकों को रोमांचक गतिविधियां से जोड़ने के लिए नित नए नवाचार कर रहा है। इसके तहत खंडवा में सैलानी आईलैंड में स्कूबा डाइविंग और केन नदी, बेतवा नदी तथा जबलपुर के भेड़ाघाट में रिवर वाटर राफ्टिंग जैसी गतिविधियां भी प्रारंभ की जाएंगी। पर्यटन विकास निगम ने मेहुला मरीन के सहयोग से बोट क्लब में पर्यटकों के लिए यह खास सुविधा प्रारंभ की है। सेलिंग बोट का आनंद लेने के लिए सूर्योदय से सुबह 9 बजे तक 300 रुपए प्रति पर्यटक प्रति घंटे, सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक 200 रुपए और शाम 4 बजे से सूर्यास्त तक 300 रुपए पर्यटक प्रति घंटे का शुल्क पर्यटकों को देना होगा।
क्या मिलेंगी सुविधाएं…
सेलिंग बोट जिसे पालदार नाव भी कहते है, हवा से चलती है और ईंधन इस्तेमाल नहीं होने के कारण पूरी तरह से प्रदूषण रहित है। यह ‘जे क्लास केबिन सैल याट’ है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनायी गई है और वर्ल्ड सेलिंग एसोसिएशन के द्वारा प्रमाणित है। यह नाव करीब 22 फीट लम्बी है और इसमें 8 लोगों के बैठने की व्यवस्था है । इस बोट को हवा के जरिये चलाकर 2 से 3 घंटे सेलिंग का आनंद पर्यटकों के द्वारा लिया जायेगा जो कि पर्यटकों के लिये एक अत्यन्त रोचक एवं अद्वितीय अनुभव होगा । यह बोट भोपाल में पर्यटन प्रगति के लिए एक विशेष आर्कषण के रूप में साबित होगी तथा इससे पर्यटन विकास निगम एवं प्रदेश की छवि को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिलेगी।