नई दिल्ली। कल रक्षाबंधन Yellow moon will be seen in Bluemoon tomorrow पर एक विशेष खगोलीय घटने जा रही है। जिसमें आसमान में चंद्रमा ब्लूमून के रूप में नजर आएगा। नाम से लगता है कि ये ब्लू कलर का होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी रंग तो पीला ही दिखाई देगा। आसमान साफ होने पर यह नजारा देखा जा सकेगा। कल दिखने के बाद अब यह नजारा अगले तीन वर्ष बाद 2024 में दिखेगा।
जानिए ऐसा क्यों होता है
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार जब तीन महीने के एक सीजन में 4 पूर्णिमा आती है। तब ऐसी स्थिति में तीसरी पूर्णिमा के चांद को ब्लूमून कहते हैं। bluemoon करीब 18 मई 2019 के बाद अब यह स्थिति बनी है। 22 सितंबर की अवधि के खगोलीय काल में चार पूर्णिमा में से रविवार को तीसरी पूर्णिमा है। अब अगली घटना 19 अगस्त 2024 को होगी। सामान्य तौर पर साल के प्रत्येक सीजन में केवल 3 पूर्णिमा होती हैं।
लेकिन कभी-कभी एक सीजन में चार पूर्णिमा भी आ जाती हैं। Rakshabandhan 2021 इसमें जो अतिरिक्त तीसरी पूर्णिमा होती है उस पर नजर आने वाले चांद को ब्लूमून कहते हैं। एक अन्य खगोलीय विचारधारा की बात करें तो अगर एक अंग्रेजी महीने में दो पूर्णिमा आती हैं तो दूसरी पूर्णिमा का चांद ब्लूमून कहलाता है। इसके पहले यह स्थिति 2020 में बनी थी। जब यह चांद दिखा था। उस समय 1 अक्टूबर की पूर्णिमा के बाद 31 अक्टूबर को दूसरी पूर्णिमा आ गई थी।
क्या खास है इस ब्लूमून की खासियत
इस ब्लूमून में सामान्य पूर्णिमा की तरह पीलापन दिखाई देता है बल्कि यह नीला नहीं होता। इस बार यह जब शाम को इसके उदित होने पर सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर भी साथ होगा। इस ब्लूमून की पिछली घटना करीब दो वर्ष पहले 18 मई 2019 को घटी थी। तीन महने के सीजन में 4 पूर्णिमा पड़ रही हैं इनमें से यह तीसरी पूर्णिमा है इसलिये इसका नाम ब्लूमून रखा गया है।
जानिए ब्लूमून से जुड़ी कुछ बातें।
— 21 जून 2021 साल का सबसे बड़ा दिन।
— 24 जून – पहली पूर्णिमा
— 24 जुलाई – दूसरी पूर्णिमा
— 22 अगस्त -तीसरी पूर्णिमा ब्लूमून
— 20 सितम्बर – चौथी पूर्णिमा
— 22 सितम्बर सितम्बर इक्वीनॉक्स