नई दिल्ली। आज यानि शनिवार को Onam 2021 Date केरल समाज द्वारा फसल की खुशी में ओणम का त्योहार मनाया जा रहा है। किसानों के लिए ये खुशी का पर्व है। नई फसल के आने पर किसान भगवान को शुक्रिया अदा करते हैं। केरल में इस मौके पर मुख्य रूप से कथकली नृत्य और सर्प नौका दौड़ आदि आयोजन किए जाते हैं।
कन्याएं करती हैं नृत्य
ओणम त्योहार में केरल समाज की कन्याएं रंगोली के चारों तरफ नृत्य करने की परंपरा भी है। इस नृत्य को तिरुवथिरा कलि नाम से जानते हैं। इसे आमतौर पर घर की कन्याओं द्वारा किया जाता है।
फसल के आगमन मनाते हैंं त्योहार
केरल में कृषि पर्व के रूप में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है। केरल में इस त्योहार पर एक अलग ही माहौल देखने को मिलता है। इसी के साथ विभिन्न स्थानों पर रहने वाली केरल वासियों द्वारा भी इसे बड़े धूम—धाम से मनाया जाता है। ये मलयाली हिंदुओं के लिए विशेष दिन होता है। वहां पर धूमधाम से मनाया जाता है।
ओणम से जुड़ी कुछ खास बातें —
— इस पर्व को मनाने की शुरुआत केरल में स्थित त्रिक्काकरा मंदिर से होती है।
— ओणम के मौके पर बनाए जाने वाले पकवानों की संख्या 20 से अधिक होती है।
— इस दिन बनाई जाने वाली रंगोली को केवल फूलों से बनाया जाता है। इस परंपरा में फूलों के अलावा रंगोली के रंगों का इस्तेमाल नहीं होता।
— रंगोली के चारों ओर नृत्य करने की परंपरा है। तिरुवथिरा कलि नाम के इस नृत्य को घर की कन्याओं द्वारा किया जाता है।
— पूकलम कहलाई जाने वाली इस रंगोली में 10 दिनी त्योहार के प्रत्येक दिन एक गोला बढ़ा दिया जाता है। इस प्रकार छोटे रूप में शुरू हुई ये रंगोली ओणम के समाप्त होते तक बड़े पूकलम के रूप में आ जाती है।
— ओणम पर इस रंगोली का खास महत्व होता है। इसी रंगोली के बीचोंबीच भगवान विष्णु के वामन अवतार, राजा बलि और उनके अंगरक्षकों की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है।
— कच्ची मिट्टी से इन मूर्तियों को आकार दिया जाता है।
— केरल का प्रसिद्ध पुलि कलि डांस को भी इसी मौके पर किया जाता है। जिसे टाइगर डांस भी कहा जाता है। कुम्मातीकलि जिसमें मास्क लगाकर डांस किया जाता है। वो भी इसी अवसर पर मनाया जाता है।