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नई दिल्ली। रेलवे को पहले किसी भी कोच को धोने के लिए काफी मशक्त का सामना करना पड़ता था। इसके लिए टाइम और काफी कर्मचारियों की भी जरूरत पड़ती थी। लेकिन अब यह काम कुछ ही मिनटों में हो जाएगा। रेलवे ने भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर ऑटोमेटेड कोच वाशिंग प्लांट को अधिकारिक तौर पर चालू कर दिया है।
रेलवे का ये ऑटोमेटेड कोच वॉशिंग प्लांट, इको फ्रेंडली है। क्योंकि परंपरागत तरीकों के मुकाबले इसमें 90% से भी कम पानी का इस्तेमाल होता है। केवल 10 फीसदी पानी में ही पूरी कोच धुल जाती है। सरकार ऐसे वॉशिंग प्लांट को लगाकर जल संरक्षण मिशन को मजबूती देना चाहती है।
बतादें कि आम कोच वॉशिंग प्लांच में एक कोच को धोने के लिए 1500 लीटर पानी की जरूरत होती है। लेकिन ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट से केवल 300 लीटर पानी में पूरी कोच धुल जाएगी। इस 300 लीटर पानी में भी 80 प्रतिशत पानी रिसाइकल यानी इस्तेमाल किए गए पानी को साफ कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाता है।
इस वॉशिंग प्लांट में केवल 20 प्रतिशत पानी ही ताजा लिया जाएगा। इससे 96% पानी की बचत होगी और इससे सालाना 1.28 करोड़ लीटर पानी की बचत होगी। रेलवे इस तरह के वॉशिंग प्लांट को देश के प्रमुख डिपोज में तैयार करेगी।
भारतीय रेल ने मध्यप्रदेश में पहला ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट को शुरू किया गया है। प्लांट आधुनिक उपकरणों से लैस है। बतादें कि हबीबगंज स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधा वाले स्टेशनों में तब्दील हो गया है। इस स्टेशन से गुजरने व चलने वालीं ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसे में अधिक ट्रेनों की धुलाई व सफाई का दबाव रहेगा, जिसकी तैयारी की जा रही है। रेलवे का प्लांट 24 कोच वाली ट्रेन के बाहरी हिस्से को महज आठ मिनट में धोकर साफ कर सकता है।