नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग में सभी एकादशी Putrada Ekadashi 2021 in August का अपना महत्व है। आज की पुत्रदा एकादशी को सबसे ज्यादा खास माना गया है। श्रावण मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी या पवित्रा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह वर्ष में दो बार आती है। पौष मास में भी पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है।
पंडित सनत कुमार खम्परिया ने बताया कि मान्यता है कि श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत करने से वाजपेयी यज्ञ के बराबर पुण्यफल की प्राप्ति होती है। यह पूर्ण रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है। इस तिथि की शुरूआत आज तड़के सुबह 3:20 पर हो चुकी है। जो 19 अगस्त को रात 1:5 तक रहेगी। इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति के साथ—साथ सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
शास्त्रों में एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ तिथि माना Putrada Ekadashi 2021 in August गया है। ऐसी मान्यता है कि जो कोई श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत को सच्चे मन से करता है उसे संतान सुख प्राप्त होता है। यह व्रत विधि-विधान से किया जाता है। वहीं जो कोई इस दिन व्रत नहीं करता है उसे नियमानुसार कुछ विशेष बातों का पालन करना चाहिए।
श्रावण पुत्रदा एकादशी पर इन बातों का रखें ध्यान –
नहीं तो बनेंगे रेंगने वाले जीव
मान्यता एकादशी के दिन चावल का सेवन न करें। rice मान्यता अनुसार इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का अगला जन्म रेंगने वाले जीव के रूप में होता है। इस दिन व्रत न रखने वालों को भी चावल का सेवन करने से बचना चाहिए।
न करें महिलाओं का अपमान
एकादशी के दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। women ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता। व्यक्ति को किसी भी दिन महिला का अपमान नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करते हैं उन्हें जीवन में कई तरहों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सात्विक जीवन अपनाएं
एकादशी के दिन मांस- मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जहां तक संभव हो व्रत रखें। अगर नहीं रख पा रहे हैं तो सात्विक भोजन का सेवन करें।
न करें गुस्सा
एकादशी का दिन भगवान विष्णु की अराधना के लिए होता है। hyper इस दिन सिर्फ इन्हीं का भजन करना चाहिए। अगर आप कोई भी व्रत करते हैं। तो उसे शांति के साथ करें। गुस्सा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। साथ ही वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए।
एकादशी के दिन अपने आचार और व्यवहार से संयम और सात्विक आचरण का पालन करना चाहिए। ये पावन तिथि भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दर्शाती है।
गौ दान के बराबर मिलता है फल
जिन लोगों की संतान नहीं है उन लोगों के लिए यह व्रत शुभफलदायी है। भगवान विष्णु की कृपा से नि:संतानों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। अगर आपकी संतान को किसी प्रकार का कष्ट है तो भी यह व्रत रखने से सारे कष्ट दूर होते हैं। वह दीर्घायु होती है। पूरी श्रद्धा के साथ यह पुत्रदा एकादशी व्रत किए जाने और इसके महत्व और कथा को पढ़ने व सुनने पर कई गायों के दान के बराबर फल की प्राप्ति होती है। समस्त पाप नष्ट होते हैं।
पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 18 अगस्त 2021 को 03:20 एएम
एकादशी तिथि समाप्त- 19 अगस्त 2021 को 01:05 एएम
पुत्रदा एकादशी व्रतपारण (व्रत तोड़ने का) समय- 19 अगस्त 2021 को सुबह 06:32 से 08:29 सुबह