नई दिल्ली। शोर्ड मारिन Shored Marin ने ओलंपिक इतिहास रचने में अपनी भूमिका निभा दी है लेकिन महिला हॉकी टीम के निवर्तमान कोच 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पुरुष टीम से हटाकर महिला टीम की कमान सौंपे जाने को ‘अपमानजनक’ मानते हैं।
नीदरलैंड का यह पूर्व खिलाड़ी 2017 में भारतीय महिला टीम को कोचिंग देने आया था लेकिन उसी साल बाद में उन्हें पुरुष टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। वर्ष 2018 में हालांकि फेरबदल करते हुए उन्हें दोबारा महिला टीम का Shored Marin कोच बनाया गया जबकि जूनियर विश्व कप विजेता कोच हरेंद्र सिंह ने पुरुष टीम का प्रभार संभाला। यह कड़वाहट भरी घटना अब भी मारिन के मन में ताजा है जो चार साल के सफल कार्यकाल के बाद स्वदेश रवाना हो गए हैं।
महिला टीम तोक्यो ओलंपिक में पदक नहीं जीत सकी लेकिन सेमीफाइनल में जगह बनाने में सफल रही। मारिन ने तोक्यो से भारत पहुंचने के बाद पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘बेशक उस बदलाव से मैं खुश नहीं था। जो हुआ मैं उससे खुश नहीं था, पुरुष टीम के साथ जिस तरह की चीजें हुई मुझे नहीं लगता कि वे सम्मानजनक थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन महिला टीम के साथ लौटते ही सविता (गोलकीपर) मेरे कमरे में आई और बोली कि वे बेहद खुश हैं कि मैं Shored Marin लौट आया। मेरे लिए यह बड़ा लम्हा था। मैंने महसूस किया कि यहां वापस आना अच्छा है।’’
मारिन ने कहा कि अगर उन्हें अधिक समय मिलता तो वह पुरुष टीम Shored Marin के साथ काफी कुछ हासिल कर सकते थे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लोगों को मुझे गलत नहीं समझना चाहिए। ऐसा नहीं था कि मैं महिला टीम से दोबारा जुड़ने को लेकर निराश था, मैं बस उस तरीके से खुश नहीं था जिस तरह पुरुष टीम के साथ चीजों को निपटाया गया। ’’
मारिन ने कहा, ‘‘एक तरफ को भारतीय पुरुष टीम के रूप में आपको काम करने के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण टीम मिली थी तो दूसरी तरफ मैं महिला टीम के साथ काम कर रहा था और हम लगातार बेहतर हो रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह काफी मुश्किल फैसला था और जिस तरह चीजों Shored Marin का अंत हुआ उसकी मुझे खुशी है। मैंने महिला टीम के साथ जो हासिल किया उसकी खुशी है इसलिए कोई शिकायत नहीं है।’’ मारिन के मार्गदर्शन में भारतीय महिला टीम ने तोक्यो ओलंपिक में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई। टीम ने इस दौरान क्वार्टर फाइनल में तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता आस्ट्रेलिया को हराया।
भारत तीसरे स्थान के प्ले आफ मुकाबले में अपने से बेहतर रैंकिंग वाली ग्रेट ब्रिटेन की Shored Marin टीम से 3-4 से हार के साथ मामूली अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गए। मारिन ने कहा, ‘‘एक टीम के रूप में हमने जो हासिल किया उस पर मुझे गर्व है, हमने विरासत तैयार की है। मुझे लड़कियों के लिए बेहद खुशी है क्योंकि अब वह महसूस कर सकती हैं कि सफल होने पर कैसा लगता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने ग्रेट ब्रिटेन और अर्जेन्टीना को कड़ी टक्कर दी जिस पर मुझे गर्व है। हमने आसानी से घुटने नहीं टेके।’’
नीदरलैंड के 47 साल के इस कोच ने कहा कि ओलंपिक से काफी पहले ही उन्होंने फैसला कर लिया था कि वह खेलों के बाद स्वदेश लौटेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सात सितंबर 2020 को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट लिखा था जहां मैंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि ओलंपिक के बाद मैं स्वदेश लौटूंगा और अपने परिवार के साथ समय बिताऊंगा।’’ मारिन Shored Marin ने कहा, ‘‘ये लड़कियां मेरे दिल में हैं और मैं उन्हें कभी नहीं भूलूंगा।’’