भोपाल। आज से विधानसभा में मॉनसून सत्र (MP Vidhansabha Monsoon Season) शुरू हो गया है। सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन कार्रावाई शुरू हुई। विधानसभा सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस ने विधानसभा में आदिवासी दिवस नहीं मनाने को लेकर जमकर हंगामा किया है। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं विधानसभा की कार्यावाही के बाद रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सत्र में कुछ प्रतिबंधित शब्दों को बोलने की अनुमति मांगी है। दरअसल इस बार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अपशब्दों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस रोक के बाद रामेश्वर शर्मा ने कहा कि बंटाधार जैसे शब्दों पर लगा प्रतिबंध हटना चाहिए। शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने अपने 10 साल के कार्यकाल में प्रदेश का बंटाधार किया है। इसलिए जनता ने उन्हें बंटाधार की उपाधी दी थी। अब इस शब्द प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसको लेकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह के लिए बंटाधार शब्दों का इस्तेमाल पर लगी रोक हटा दी जानी चाहिए। बता दें कि पिछले सत्र की कार्रावाई के दौरान हमले में विधायकों ने जमकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। इस कारण सदन में काफी हंगामा हुआ था। इसके बाद से यह फैसला लिया गया था कि सदन में कार्रावाई के दौरान विधायक अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हालांकि यह डिक्शनरी ग्रीष्मकालीन सत्र के दौरान भी जारी की गई थी। वहीं कोरोना महामारी के कारण यह सत्र स्थगित हो गया था। बता दें कि विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो चुका है। इसके लिए कोरोना गाइडलाइन जारी की गई है। विधानसभा के मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने वाले सभी विधायकों को कोरोना नियमों का पालन करना होगा। वहीं कार्रावाई में भाग लेने वाले सभी को वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट भी दिखाना अनिवार्य होगा।
विधायकों-मंत्रियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण…
9 अगस्त से शुरू हुए मॉनसून सत्र के लिए सभी विधायकों और मंत्रियों को यह डिक्शनरी उपलब्ध कराई गई है। असंसदीय शब्दों की इस सूची में पप्पू, फेंकू, बंटाधार, चोर, झूठा, मूर्ख जैसे शब्दों को बोलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। इतना ही नहीं मर्यादित भाषा के लिए विधायकों और मंत्रियों को सत्र की कार्रावाई से पहले ट्रेनिंग भी दी गई है। सचिवालय ने जिस तरह इन शब्दों की सूची तैयार की है, इसी तरह इसकी ट्रेनिंग भी दी गई है। इस ट्रेनिंग में विधायकों और मंत्रियों को सत्र की कार्रावाई के दौरान व्यवहार करना सिखाया गया है।