नई दिल्ली। देशभर में सावन की शुरूआत हो चुकी है। भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए वैसे तो हर दिन महत्वपूर्ण माने जाते हैं लेकिन भगवान शिव की आराधना के लिए सावन के महीने का एक अलग ही महत्व है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। वहीं शिव भक्तों को सावन के इस महीने का हर वर्ष इंतजार रहता है। सावन महीन का सबसे मत्वपूर्ण त्योहर नाग पंचमी को माना गया है। नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन माह में पड़ता है। नाग पंचमी में भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति नाग देवता की पूजा करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही नाग देवता उन्हें मनवांछित फल देते हैं।
इस दिन मनाई जाएगी नाग पंचमी
नाग पंचमी का पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। वहीं इस वर्ष नाग पंचमी का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा। नाग पंचमी 12 अगस्त दोपहर 3 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी जिसका समापन 13 अगस्त दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर होगा। वहीं भारत में यह पर्व मुख्य रूप से 13 अगस्त को मनाया जाएगा। पंचमी तिथि के स्वामी नाग को माना गया है। इसलिए नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा की जाती है।
नागपंचमी का महत्व
नागपंचमी को लेकर कई धार्मिक मान्यता जुड़ी हुई है। नागपंचमी को लेकर सबसे प्रचलित मान्यता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु दोष होते हैं अगर वे व्यक्ति इस विशेष दिन नागदेव की पूजा करता है तो, उसे इन दोषों से मुक्ति मिलती है। इस दिन लोग कालसर्प योग के निवारण की पूजा भी करवाते हैं। इससे उन्हें कई दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी का पर्व पूरे भारत में 13 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। नाग पंचमी पूजा का मुहूर्त- सुबह 05:48:49 बजे से शुरू होकर सुबह 08:27:36 बजे तक जारी रहेगा। वहीं इसकी अवधि 2 घंटे 38 मिनट तक रहेगी।