अमृतसर। (भाषा) पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पर पार्टी के करीब 60 विधायक बुधवार को उनसे मिलने पहुंचे, जिसे राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ चल रहे उनके विवाद के बीच पंजाब में पार्टी पर अपनी पकड़ दिखाने का सिद्धू का एक तरह से शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के कुल 80 विधायक हैं। सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच पिछले काफी समय से विवाद जारी है। अमृतसर (पूर्व) के विधायक ने हाल ही में बेअदबी के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री को कई बार निशाना बनाया है। मुख्यमंत्री राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति के भी खिलाफ थे। सिंह ने यह भी कहा था कि जब तक सिद्धू उनके खिलाफ की गईं अपमानजक टिप्पणियों पर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते, मुख्यमंत्री उनसे नहीं मिलेंगे।
About 62 MLAs arrive at Punjab Congress President Navjot Singh Sidhu's residence in Amritsar: Sidhu's Office pic.twitter.com/G03RiYcNSy
— ANI (@ANI) July 21, 2021
मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा, चरनजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सिंह सरकारिया के साथ-साथ पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी बुधवार को यहां पहुंचे। सिद्धू के साथ पार्टी के विधायक बुधवार को ‘लग्जरी’ बसों में स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थक मौजूद थे। सिद्धू और सभी विधायक दुर्गियाना मंदिर और राम तीरथ स्थल भी गए। स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने के बाद जाखड़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने समृद्ध पंजाब के लिए प्रार्थना की, जिसमें हम सभी का योगदान होगा।’’ सार्वजनिक रूप से माफी मांगने तक सिद्धू से नहीं मिलने के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह रुख पर कुछ विधायकों ने कहा कि इसकी कोई जरुरत नहीं है।
यह पूरा आयोजन करने वाले मंत्री रंधावा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के व्यवहार पर आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य प्रमुख पद पर सिद्धू की नियुक्ति सभी को स्वीकार करनी होगी और उसका सम्मान करना होगा, फिर चाहे अतीत में उनके बीच कोई भी और कैसा भी मतभेद रहा हो। रंधावा ने कहा कि इससे पहले भी वरिष्ठ नेताओं प्रताप सिंह बाजवा और सुखपाल सिंह खैरा का भी अमरिंदर सिंह के साथ मतभेद हुआ था, लेकिन अब सब सुलझ गया है। रंधावा ने सवाल किया, ‘‘फिर मुख्यमंत्री सिद्धू के साथ अपने मतभेद खत्म क्यों नहीं कर सकते हैं।’’ विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि सिद्धू शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष का पदभार औपचारिक रूप से ग्रहण करेंगे और आशा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री उस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस स्तर पर आकर, नेताओं को एक-दूसरे से माफी मांगने को नहीं कहना चाहिए।’’ परगट सिंह का भी कहना है कि सिद्धू को माफी मांगने की जरुरत नहीं है।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा कहा है कि व्यक्तित्व के बीच की लड़ाई नहीं हो सकती है। यह लड़ाई मुद्दों की है।’’ सिद्धू के प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद यहां पहुंचने पर मंगलवार को सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहर में कई स्थानों पर सिद्धू के पोस्टर भी लगाए हैं। पार्टी के कुछ विधायकों और समर्थकों ने दावा किया कि सिद्धू द्वारा स्वर्ण मंदिर और अन्य मंदिरों में दर्शन करने के लिए अमृतसर पहुंचने के लिए कहे जाने के बाद करीब 60 विधायक यहां पहुंचे। विधायक मदन लाल जलालपुर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ सिद्धू के दम पर 2022 चुनाव में भी कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। आज, पूरा पंजाब उनके साथ है। सिद्धू की तरक्की के बाद पार्टी में काफी उत्साह है। उनके वोट यकीनन बढ़ेंगे।’’ सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच मतभेद पर जलालपुर ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को दिल से सिद्धू का स्वागत करना चाहिये ।