भोपाल। प्रदेश में कोरोना का कहर थमते ही राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो गईं हैं। प्रदेश में भी चुनावी सुगबुगाहट देखने को मिलने लगी है। प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने समीकरण जुटाने में लगे हुए हैं। वहीं कांग्रेस में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले युवा नेतृत्व की बात ने जोर पकड़ लिया है। कांग्रेस पार्टी में युवाओं को नेतृत्व देने की वकालत कांग्रेस के सीनियर लीडर और विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी की है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अगर पार्टी को ग्वालियर चंबल जैसे महत्वपूर्ण संभाग में अपनी पकड़ मजबूत करनी है तो सिंधिया के सामने जयवर्धन सिंह को उतारा जा सकता है।
लक्ष्मण सिंह ने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए संगठन में युवा नेतृत्व की सख्त आवश्यकता है। युवाओं को सबसे ज्यादा मौका देना चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने वर्तमान में पार्टी में मौजूद चार कार्यकारी अध्यक्षों की संख्या भी छह किए जाने की वकालत की है। बता दें कि जयवर्धन सिंह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के बेटे हैं। अगर लक्ष्मण सिंह की बात को मानकर जयवर्धन सिंह को कांग्रेस का चेहरा बनाया जाता है तो उनके सामने भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे। ग्वालियर चंबल संभाग में भाजपा के पास कई बड़े नेता हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी ग्वालियर संभाग से आते हैं।
चंबल संभाग से कई दिग्गज नेता
इसके अलावा प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इसी संभाग के नेता हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया भी केंद्र सरकार में मंत्री बना दिए गए हैं। वहीं कांग्रेस में भी बदलाव की सुगबुगाहट देखने को मिलती रहती है। हाल ही में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद भी संगठन में बदलाव की चर्चाएं मीडिया में चलीं थीं। बता दें कि कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की कमान कमलनाथ के पास है। इसके अलावा 2018 के चुनाव से पहले पार्टी में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे।
इन अध्यक्षों में ग्वालियर-चंबल से रामनिवास रावत, मालवा से जीतू पटवारी, बुंदेलखंड से सुरेंद्र चौधरी और बाला बच्चन जैसे नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्तमान में पार्टी में यह व्यवस्था लागू है। इसके बाद से कोई बड़ा फेरबदल भी नहीं हुआ है। वहीं कांग्रेस संगठन में जयवर्धन सिंह को जिम्मेदारी की मांग पहले भी उठती रही है। बता दें कि प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। खंडवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री अरुण यादव ने दौरे करना भी शुरू कर दिए हैं।