छतरपुर। व्यक्ति जब भी इस धरती पर जन्म लेता है तभी यह भी उतना ही सच हो जाता है कि एक दिन इसकी मृत्यु भी होगी। इंसान चाहकर भी इस सच्चाई को नहीं झुटला सकता। इंसानों ती बात ही दूर है भगवान भी इंसानी शरीर में जन्म लेकर हमेशा के लिए जिंदा नहीं रहे। इंसान के एक बार मौत को गले लगाने के बाद कोई भी वापस नहीं आता। लेकिन प्रदेश के छतरपुर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक 98 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने बुजुर्ग की अर्थी तैयार की गई। लेकिन अर्थी ले जाते वक्त ही नजारा गम की जगह खुशी में बदल गया। इतना ही नहीं यहां अर्थी ले जाते वक्त कुछ ऐसा हुआ कि लोगों की सांसे अटक गईं। दरअसल अर्थी ले जाते वक्त बुजुर्ग रास्ते में उठ खड़ा हुआ। बुजुर्ग अर्थी पर ही चिल्लाने लगा कि अभी मैं जिंदा हूं। बुजुर्ग की आवाज सुनकर अर्थी को कंधा देने वालों की एक पल के लिए तो सांसे अटक गईं। हालांकि जब अर्थी को नीचे रखा तो बुजुर्ग उठकर खड़ा हो गया। बुजुर्ग को जिंदा देख वहां मातम का माहौल खुशी में बदल गया।
लवकुशनगर का मामला…
मामला छतरपुर जिले में आने वाली तहसील लवकुशनगर का है। यहां चंदला रोड पर रहने वाले 96 वर्षीय बुजुर्ग मनसुख कुशवाहा की हाल ही में मौत हो गई थी। मौत के बाद घर में मातम छा गया। घर में मौत की खबर के बाद मातम मनाया गया। साथ ही पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी इसकी खबर की गई। कुछ ही देर में मृतक के घर लोगों की भीड़ जमा हो गई। रिश्तेदार भी मृतक के घर पहुंच गए। अंतिम संस्कार के लिए अर्थी तैयार की गई। परिजनों ने बुजुर्ग के शव को बांधकर श्मशान ले जाने लगे। राम नाम सत्य है के नारों के साथ जैसे ही अर्थी आधे रास्ते पहुंची तो बुजुर्ग होश में आ गया। बुजुर्ग अर्थी से ही चिल्लाने लगा कि अभी मैं जिंदा हूं। इसके बाद परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। घर में पसरा मातम का माहौल भी खुशी में बदल गया। बता दें कि इस तरह के अनोखे मामले कई बार देखे जा चुके हैं।