तिरुवनंतपुरम। (भाषा) केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच हाल में सामने आए जीका वायरस संक्रमण के मामले स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से बेहतर तरीके से निपटने के लिए लगभग एक साल पहले ‘‘केरल मॉडल’’ ने काफी प्रशंसा बटोरी थी, लेकिन अब राज्य में संक्रमण के रोजाना 12,000 से 15,000 मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में शनिवार को संक्रमण के 14,087 नए मामले सामने आए तथा 109 और लोगों की मौत हो गई। केरल में संक्रमण के अब तक 30,39,029 मामले सामने आए हैं और कुल 14,380 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 1,13,115 लोग उपचाराधीन हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने हाल में कहा था कि ‘अनलॉक’ के तहत उठाए गए कुछ कदमों के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है और उनके कम होने की उम्मीद है।
संक्रमण का मामला जनवरी 2020 में आया
देश में संक्रमण का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। विशेषज्ञों के अनुसार, केरल में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिर दर से राज्य को वायरस से लड़ने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि चिकित्सा सुविधाओं पर अत्यधिक बोझ न पड़े, लेकिन यह स्थिति जितने अधिक समय तक बनी रहेगी, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए समय उतना ही अधिक तनावपूर्ण होगा। चिकित्सा विशेषज्ञों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में एहतियाती कदमों के लिए केरल सरकार की प्रशंसा की, जिनके कारण संक्रमण दर चरम पर नहीं पहुंची, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि ‘अनलॉक’ चरण के प्रभावी होने के बाद कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने में प्रशासन की अक्षमता के कारण मामले कम नहीं हुए।
क्या है जीका वायरस?
जीका मच्छर से होने वाला एक वायरस है, जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की एक संक्रमित एडीज प्रजाति के काटने से फैलता है, WHO के अनुसार, एडीज मच्छर आमतौर पर दिन में काटते हैं। ये सुबह-सुबह, दोपहर या फिर शाम को पीक पर होते हैं। बतादें कि ये वही मच्छर हैं, जो जेंगू, चिकनगुनिया फैलाते हैं। हालांकि इस वायरस को लेकर अच्छी बात ये है कि इससे ज्यादातर लोगों को खतरा नहीं है, लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए और खासतौर पर भ्रूण के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है।
इसकी पहचान आखिर कब हुई?
कोविड-19 के लिए राज्य के नोडल अधिकारी डॉ. अमर फेटल ने कहा कि केरल सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक जांच कर रही है कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति ऐसा न रह जाए, जिसकी जांच न हो।स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘सरकार का प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या राज्य की चिकित्सा क्षमता से अधिक न हो, ताकि बिस्तरों या ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण किसी की मौत न हो।’’उन्होंने जोर देकर कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र तरीका है।बृहस्पतिवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र और केरल में संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर चिंता जताई थी। केरल के लिए अब जीका वायरस ने भी चिंता और बढ़ा दी है। राज्य में जीका वायरस संक्रमण के 14 उपचाराधीन मामले हैं और स्थिति को संभालने में सरकार की सहायता के लिए एक केंद्रीय दल पहुंचेगा।