नई दिल्ली। आमतौर पर आप जीस भी देश में देखेंगे वहां एक ही स्टॉक एक्सचेंज है। लेकिन भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं। एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा बंबई स्टॉक एक्सचेंज। हैरानी की बात ये है कि भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से ज्यादा बंबई स्टॉक एक्सचेंज का अधिक महत्व है। सौ साल से ज्यादा पुराना बंबई स्टॉक एक्सचेंज भारत ही नहीं, बल्कि एशिया का सबसे पहला शेयर बाजार है।
पहले दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाता था
बंबई स्टॉक एक्सचेंज को हाल के कुछ सालों तक दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाता था। इसकी स्थापना 9 जुलाई 1875 में एक एसोसिएशन के रूप में हुई थी। शुरूआत में इस स्टॉक एक्सचेंज का नाम नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन था। इससे पहले 1840 में शेयर दलाल एक बरगद के पेड़ के नीचे खड़े होकर शेयरों की खरीद-फरोख्त किया करते थे। वहीं से इसे एक एसोसिएशन बनाने की रूपरेखा तैयार की गई और 1875 में इसे बाजार के रूप में स्थापित किया गया।
आज बंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है
बतादें कि 1860 के दशक में मुंबई में करीब 250 शेयर दलाल हुआ करते थे। लेकिन 1865 में अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद भारत में दलालों का कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो गया। शेयरों के भाव औंधे मुंह गिर गए। ऐसे में शेयर दलालों ने अपनी एसोसिएशन बनाने का फैसला किया और एक गैर औपचारिक एसोसिएशन की रचना हुई। लेकिन 1874 में शेयर दलालों को एक निश्चित जगह दे दी गई। जिसे कुछ साल पहले तक दलाल स्ट्रीट और आज बंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है।
मुंबई के निर्माण में स्टॉक एक्सचेंज की अहम भूमिका
जुलाई 1875 में 318 लोगो ने एक रूपये प्रवेश शुल्क के साथ शेयर बाजार मुंबई की संस्था गठित की और द नेटिव एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन का औपचारिक जन्म हुआ। इसके बाद एसोसिएशन ने शेयर खरीद फरोख्त के लिए एक भवन के निर्माण के साथ दलालों के हितों की रक्षा के लिए काम करना शुरू किया। हालांकि शेयर बाजार को बेहतर बनाने के लिए ब्रिटिश उच्चाधिकारी जे. एम. मेक्लिन को याद किया जाता है। मेक्लिन ने ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 18 जनवरी 1899 के दिन मुंबई के नेटिव शेयर दलालों को वह सम्मान दिलाने का प्रयास किया जिसके वे हकदार थे। मुंबई के निर्माण में बंबई स्टॉक एक्सचेंज की भूमिका अहम मानी जाती है।
दुनिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज जिसने इंटनेट का इस्तेमाल किया
आजादी के बाद साल 1956 में सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट रेग्युलेशन एक्ट के जरिए BSE को भारत सरकार ने अधीकृत कर लिया। इसी के साथ यह देश का पहला स्टॉक एक्सचेंज बन गया जिसे भारत सरकार ने अधीकृत किया। बतादें कि बीएसई दुनिया का पहला ऐसा स्टॉक एक्सचेंज है जिसने केंद्रीयकृत इंटरनेट ट्रेडिंग सिस्टम शुरू किया है।