नई दिल्ली। देश की राजनीति में हम बहुत कम नेताओं को निचले तबके से ऊपर की ओर उठते हुए देखते हैं। लेकिन बुधवार को हुए मोदी कैबिनेट विस्तार में एक ऐसे शख्स ने मंत्री का पद संभाला जो बचपन में अपने पिता के साथ साइकिल के पंचर बनाया करते थे। ये शख्स हैं मप्र के टीकमगढ़ से मौजूदा सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक।
आज भी अपने स्कूटर से घूमते हुए दिख जाते हैं
डॉ. वीरेंद्र अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। सांसद होने के बावजूद आज भी वे अपने पुराने बजाज के स्कूटर से घूमते हुए दिख जाते हैं। डॉ. वीरेंद्र कुमार का जन्म 27 फरवरी 1954 को सागर में हुआ था। वे संघ, ABVP,VHP और भाजपा में कई पदों पर रह चुके हैं। बतादें कि साल 1996 में वे पहली बार 11वीं लोकसभा में सागर से सांसद चुने गए थे। उसके बाद उन्होंने लगातार 12वीं, 13वीं और 14वीं लोकसभा में सागर का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद सागर लोकसभा सीट के नए परिसीमन के बाद टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर भी जीत का सिलसिला जारी रहा। 15वीं और अब 16वीं लोकसभा में वे टिकमगढ़ सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
खटीक को आज मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है
डॉ. वीरेंद्र के बारे में टीकमगढ़ के लोग कहते हैं कि उन्होंने 5वीं से लेकर सागर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के दौरान साइकिल रिपेयरिंग का काम किया। इस दौरान खराब ठंग से काम करने पर पिता से डांट भी खानी पड़ती थी। लेकिन धीरे-धीरे करके खटीक ने पंक्चर बनाना सीख लिया और बाद में दुकान की जिम्मेदारी भी संभाल ली थी। आज जब वे केंद्रीय मंत्री बन गए हैं तो उनके इस सफर को एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
उनका स्कूटर प्रेम आज भी वैसा ही है जैसा पहले हुआ करता था
डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक को लोग स्कूटर वाले नेता के तौर पर भी जानते हैं। क्योंकि उनके पास एक हरे रंग का सालों पुराना स्कूटर है। जब वे सागर से सांसद थे तो वे अक्सर अपने पुराने स्कूटर से ही घूमा करते थे। लोगों को उनकी यही सादगी पसंद आई। चाहे वो सागर से सांसद रहे या अब टीकमगढ़ से, उनका स्कूटर प्रेम आज भी वैसा ही है जैसा पहले हुआ करता था। आज भी वे कई कार्यक्रमों में स्कूटर से ही पहुंच जाते हैं। ऐसा नहीं है कि उनके पास कार नहीं है। लेकिन वे कार का तभी इस्तेमाल करते हैं जब उन्हें दूर जाना होता है।