नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद कई लोगों में नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। सबसे ज्यादा लोग ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं। इसके साथ ही उनमें और भी कई बीमारियों के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसी कड़ी में अब संक्रमण से उबरने के बाद लोग ‘एवैस्कुलर नेक्रोसिस’ (Avascular necrosis- AVN) यानी बोन डेथ (Bone Death) के शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी में लोगों की हड्डियां गलने लगती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
बोन डेथ के लिए स्टेरॉयट्स जिम्मेदार
दरअसल, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बोन टिशू तक बल्ड ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाता। मुंबई में एवैस्कुलर नेक्रोसिस के कम से कम तीन मामले पाए गए हैं। आशंका है कि आगे और भी मामले बढ़ सकते हैं। ब्लैक फंगस और एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों में प्रमुख वजह स्टेरॉयट्स को माना जा रहा है। क्योंकि कोविड पेशेंट्स को ठीक करने के लिए कई मामलों में स्टेरॉयट्स का इस्तेमाल किया जाता है।
अब तक 3 मामले सामने आए हैं
बतादें कि बोन डेथ के जो तीन मामले सामने आए हैं, वो तीनों डॉक्टरों में पाए गए हैं। हिंदुजा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय अग्रवाल ने बताया कि डॉक्टरों को फीमर बोन यानी ‘जांघ की हड्डी का सबसे ऊंचा हिस्सा’ में दर्द हुआ था। चुकी तीनों मरीज डॉक्टर थे इसलिए उन्हें लक्षण पहचानने में आसानी हुई थी और वे तुरंत इलाज के लिए आ गए थे।
आगे बढ़ सकते हैं मामले
डॉ अग्रवाल ने इस बीमारी पर रिसर्च पेपर भी तैयार किया है। जिसे मेडिकल जर्नल ‘बीएमजे केस स्टडीज’ में ‘एवैस्कुलर नेक्रोसिस ए पार्ट ऑफ लॉन्ग कोविड-19’ के नाम से प्रकाशित किया गया है। डॉ. अग्रवाल ने शोध में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि कोविड -19 मामलों में जीवन रक्षक कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है। इसके चलते AVN मामलों में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
पांच से छह महीने बाद होता है इसका असर
विशेषज्ञों ने कहा कि जो मरीज लंबे समय से कोविड-19 पीड़ित हैं और उन्हें स्टेरॉयड की जरूरत हैं। उनके लिए AVN चिंता का विषय है। हालांकि विशेषज्ञ एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक या दो महीने के भीतर AVN के और मामले समाने आ सकते हैं। क्योंकि AVN आमतौर पर स्टोरॉयड के उपयोग के पांच से छह महीने बाद होता है। ऐसे में कोविड की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल के महीने में स्टेरॉयड का जमकर इस्तेमाल हुआ है। तो हो सकता है कि आने वाले महीने में AVN के मामले बढ़ जाएं।