नई दिल्ली। (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने काले अपराध की कमाई को वैध बनाने के मामले में मुंबई की फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड और उसके समूह की कुछ कंपनियों से जुड़ी 185 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। जांच एजेंसी ने बुधवार को बताया कि 14 बैंकों के समूह के साथ 3,592 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी को लेकर इस कंपनी समूह के खिलाफ यह जांच की जा रही है। ईडी ने कहा कि फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड और उसके समूह की कंपनियां ग्लोबिज एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, एनएसडी निर्माण प्राइवेट लिमिटेड और आरएस बिल्डर्स समेत उनके प्रवर्तकों और निदेशकों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संपत्तियों की कुर्की का एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है। जांच एजेंसी के अनुसार कुर्क की गई 185 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कानपुर, दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, कोलकाता और तमिलनाडु के कुछ शहरों में स्थित है।
आरोपियों के खिलाफ पिछले साल जनवरी में दर्ज केंद्रीय जांच ब्यूरो की प्राथमिकी का विश्लेषण करने के बाद यह मामला दर्ज किया है। ईडी ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘इस मामले में उसने ऐसे तथ्य,सबूत और अन्य साक्ष्य जुटा लिए है जो यह साबित करते हैं कि फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड और इसके समूह की कंपनियां काले धन को वैध बनाने की गतिविधियों में शामिल हैं।’’ एजेंसी ने कहा, ‘‘जांच में यह भी पाया गया कि कंपनियों ने बैंक का पैसा फ्रॉस्ट समूह की कंपनियों और उससे संबंधित व्यक्तियों / संस्थाओं के नाम पर संपत्ति हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया। बैंक से ली गई पूंजी को हेराफेरी कर के दूसरी जगह भेज दिया।’’ सीबीआई ने बैंक ऑफ इंडिया के अगुवाई वाले ऋणदाता बैंकों के समूह को भुगतान करने में चूक को लेकर कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।