नई दिल्ली। (भाषा) अभिनेत्री तापसी पन्नू का कहना है कि अगर उनके पास कोई अच्छी पटकथा आती है तो वह उसे हाथ से नहीं जाने देंगी, भले ही उन्हें साल में 300 दिनों तक काम क्यों न करना पड़े। पन्नू ने यह भी कहा कि एक समय था जब उन्हें जिन पटकथाओं की पेशकश की जाती थी, उनमें से ही सबसे अच्छी कहानी का चयन करना पड़ता था लेकिन अब चीजें बदल गई हैं और अब वह अधिक विविधतापूर्ण भूमिकाओं, पटकथाओं का चयन कर रही हैं। अभिनेत्री की ‘हसीन दिलरूबा’ दो जुलाई को ‘नेटफ्लिक्स’ पर रिलीज हो रही है। इसके बाद उनकी ‘रश्मि रॉकेट’, ‘लूप लपेटा’, ‘दोबारा’, ‘ शाबाश मिट्ठू’ और ‘जन गण मन’ फिल्में आनी हैं।
पन्नू ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, “मुझे लगता है कि मुझे अभी उस मुकाम पर पहुंचना है जहां मैं साल में केवल एक या दो फिल्मों में ही काम करूं। मैं इस मामले में स्वार्थी हूं इसलिए अगर मुझे एक अच्छी पटकथा मिलती है, तो मैं इसे दूसरे के पास नहीं जाने दूंगी, चाहे मझे थोड़ा ज्यादा काम करना पड़े या साल में 300 दिन या उससे अधिक काम करना पड़े, जो मैं करती हूं।” उन्होंने कहा, “ मैं एक अच्छी पटकथा को किसी और के पास नहीं जाने दे सकती, क्योंकि मैंने इस स्थिति में रहने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है जहां मेरे पास चुनने के लिए बहुत कुछ है। एक समय था जब मुझे पर्दे पर दिखने के लिए सबसे बेकार पटकथाओं में से एक को चुनना पड़ता था।
”पन्नू (33) ने कहा, “ मैंने उन दिनों को देखा है, इसलिए अब जब मुझे अधिक विविधतापूर्ण भूमिकाओं, पटकथाओं और शैलियों में से चुनने का मौका मिल रहा है, तो मैं आत्मसंतुष्टि का भाव नहीं चाहती हूं।” वह पहले अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ‘मनमर्जियां’ में काम कर चुकी हैं, जिसे कनिका ढिल्लों ने लिखा है। पन्नू ने कहा, “ मैं लेखिका की नई कहानी ‘‘हसीना दिलरूबा’’ के प्रति तुरंत आकर्षित हो गई थी। यह फिल्म मैं इसलिए करना चाहती हूं कि यह एक रोमांटिक थ्रिलर है जो मैंने अभी तक केवल हॉलीवुड में देखी हैं। कनिका ने कहानी लिखी है, इसलिए मैं जानती हूं कि महिला का किरदार वास्तव में बहुत अच्छा होगा।”“हसीन दिलरूबा’ का निर्देशन ‘हंसी तो फंसी’ के निर्देशक विनिल मैथ्यू ने किया है। इस फिल्म में विक्रांत मेस्सी और हर्षवर्धन राणे भी मुख्य भूमिका में हैं।