उत्तराखंड। उत्तराखंड का पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिला सोमवार को भूकंप के झटके से डोल गया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.7 बताई जा रही है। यह भूकंप पिथौरागढ़ जिले के नाचनी क्षेत्र में और बागेश्वर में आज दोपहर को महसूस किया गया। वहीं भूकंप का झटका हल्का होने की वजह से अन्य इलाकों में इसे महसूस नहीं किया गया। भूकंप का केंद्र मुनस्यानी में बताया जा रहा है और इसकी गहराई 10 किमी बताई जा रही है।
An earthquake of magnitude 3.7 on the Richter scale hit Pithoragarh, Uttarakhand at 12.18 pm today: National Center for Seismology
— ANI (@ANI) June 28, 2021
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है। ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है। कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है, इससे धरती पर कई जलजले भी आ चुके हैं। भारत में भूकंप पृथ्वी के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन निर्धारित किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम। इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है। इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है।
भूकंप आने पर क्या करें क्या न करें
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें। जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें। चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें। ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो। भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें। टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें। घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें। बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें। आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें। लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट। कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं। झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।