कोच्चि। (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) को अगले साल नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा और इसकी लड़ाकू क्षमताएं, पहुंच तथा अन्य खूबियां देश के रक्षा तंत्र को और मजबूती प्रदान करेंगी। कोचीन बंदरगाह के एर्नाकुलम घाट पर आईएसी के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के बाद एक बयान में राजनाथ ने इसे भारत का गौरव और आत्मनिर्भर भारत का एक बेहतरीन उदाहरण करार दिया। सिंह ने बयान में कहा, ‘‘ परियोजना को मूल रूप से राजग सरकार ने मंजूरी दी थी और कोविड-19 के बावजूद इसके कार्य में काफी प्रगति हुई है।
Defence Minister Rajnath Singh will review the progress of construction of the Indigenous Aircraft Carrier (IAC) in Kochi today: Office of Defence Minister
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— ANI (@ANI) June 25, 2021
आईएसी को अगले साल बेड़े में शामिल करना, भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर एक बड़ा तोहफा होगा।’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ इसकी लड़ाकू क्षमताएं, पहुंच तथा अन्य खूबियां देश के रक्षा तंत्र को और मजबूती प्रदान करेंगी तथा समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों को सुरक्षित करने में मदद करेंगी।’’ उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत के अभी तक के निर्माण कार्य की खुद आकर समीक्षा करना खुशी का पल है। सिंह ने कारवार में ‘प्रोजेक्ट सीबर्ड’ की समीक्षा की, जो कि भविष्य में भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा होगा और हिंद महासागर क्षेत्र तथा उसके बाहर नौसेना के संचालन में सहयोग देने के लिए सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा ।
I believe that the day is not far when India will be in the world's top 3 Navies: Defence Minister Rajnath Singh in Kochi pic.twitter.com/Ld6y6eHH6k
— ANI (@ANI) June 25, 2021
सिंह ने कहा कि सरकार नौसेना को मजबूत करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ये दो परियोजनाएं इसका बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि आईएसी के डिजाइन से लेकर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील, प्रमुख हथियार और सेंसर तक, इसमें इस्तेमाल की गई लगभग 75 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है। मंत्री ने कहा कि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने हाल ही में रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत परियोजना 75(I) के आरएफपी को मंजूरी दी है, जो विशिष्ट विनिर्माण प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास को और बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, ‘‘ ये कदम भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना की परिचालन पहुंच और कौशल को बढ़ाने में मदद करेंगे।’’ सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
Commissioning of Indigenous Aircraft Carrier next year will be befitting tribute to 75 yrs of India’s Independence. Combat reach of aircraft carrier will add formidable capabilities in defence of country & help secure India’s interest in maritime domain: Defence Min Rajnath Singh pic.twitter.com/4hykzHjrpH
— ANI (@ANI) June 25, 2021