नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि पूरे भारत में सभी स्टेट बोर्ड्स के असेसमेंट के लिए कोई यूनिफॉर्म स्कीम नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए यूनिफॉर्म स्कीम यानी समान मूल्यांकन नीति बनाना असंभव है। जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि हर बोर्ड स्वायत्त है इसलिए अदालत ऐसे किसी प्रोटोकॉल को मानने का निर्देश नहीं दे सकती। बोर्डों को निर्देश दिया कि वे 31 जुलाई तक 12वीं कक्षा का रिजल्ट घोषित करें। साथ ही कोर्ट ने उन्हें 10 दिन में इंटरनल असेसमेंट स्कीम तैयार करने के लिए कहा है। इससे पहले कोर्ट ने पूरे भारत में सभी राज्यों के बोर्डों के लिए असेसमेंट की एक जैसी स्कीम बनाने के संबंध में आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
Supreme Court directs all State Boards to notify the scheme for assessment within 10 days from today and declare the internal assessment results by July 31, like the timeline specified by it for CBSE and ICSE. pic.twitter.com/FDl39J1wfA
— ANI (@ANI) June 24, 2021
क्या हैं 30:30:40 फॉर्मूला
ओवरऑल बात की जाए, तो 10वीं-11वीं को 30-30% और 12वीं को 40% वेटेज दिए जाने पर सहमति बन सकती है। हालांकि कुछ सदस्य 10वीं और 11वीं को ज्यादा वेटेज देने की बात भी कर रहे हैं। कुछ स्कूल भी इसी पक्ष में हैं। अभी इस पर कुछ भी फाइनल नहीं है।
CBSE भी 31 जुलाई को रिजल्ट जारी करेगा
पिछले हफ्ते CBSE बोर्ड की 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय कमेटी ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। दी। इसमें बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने के फॉर्मूले के बारे में बताया था। बोर्ड के मसौदे के मुताबिक, 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड के परिणाम को फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। बोर्ड ने 31 जुलाई को रिजल्ट जारी करने की बात कही थी। कोर्ट ने बोर्ड के मसौदे को मंजूरी भी दी थी
PM ने 1 जून को परीक्षा रद्द की थी
इससे पहले कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार ने 1 जून को देशभर में 12वीं बोर्ड के एग्जाम कैंसिल कर दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी