नई दिल्ली। (भाषा) पंजाब नेशनल बैंक घोटाले और भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में बैंकों को हुऐ नुकसान का 40 प्रतिशत पैसा धनधोशन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्क शेयरों को बेचकर प्राप्त कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यह बात कही। ईडी ने कहा कि ऋण वसूली प्राधिकरण (डीआरटी) ने माल्या को पैसा कर्ज के तौर पर देने वाले भारतीय स्टेट बैंक नीत सहायता संघ की ओर से बुधवार को यूनाइटेड ब्रीवरीज लिमिटेड (यूबीएल) के 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे जिन्हें पूर्व में एजेंसी ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कुर्क किया था।
ED not only attached/ seized assets worth of Rs. 18,170.02 crore (80.45% of total loss to banks) in case of Vijay Mallya, Nirav Modi and Mehul Choksi under the PMLA but also transferred a part of attached/ seized assets of Rs. 9371.17 Crore to the PSBs and
Central Government.— ED (@dir_ed) June 23, 2021
यह कुर्की पूर्व में ईडी ने 65 वर्षीय माल्या के खिलाफ अपनी आपराधिक जांच के तहत की थी जो अब ब्रिटेन में है और उसकी भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ दायर याचिका अस्वीकार कर दी गई है। ईडी ने कहा कि डीआरटी की कार्रवाई से पहले एजेंसी ने मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के निर्देश पर उसके द्वारा यूबीएल के करीब 6,600 करोड़ रुपये के कुर्क शेयरों को एसबीआई नीत संघ को हस्तांतरित करने के बाद की गई है। इसने कहा कि माल्या और पीएनबी घोटाले में शामिल भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने “अपनी कंपनियों क जरिए निधि की हेरा-फेरी कर सरकारी बैंकों के साथ धोखाधड़ी की जिससे बैंकों को कुल 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।” ईडी ने कहा कि अब तक एजेंसी ने इन दो बैंक धोखाधड़ी मामलों में कुल 18,170 करोड़ रुपये की कीमत की संपत्तियां कुर्क की हैं।
अभी कहां हैं विजय, नीरव औऱ मेहुल?
बता दें अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण के लिए वहां अदालती मामलों का सामना कर रहे हैं और जमानत पर बाहर हैं। साल 2019 में ब्रिटेन के तत्कालीन गृह सचिव ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। जब ईडी और सीबीआई मामले की जांच कर रहे थे तभी माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर चला गया जिसके बाद बैंकों ने आरोपी के खिलाफ डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल्स का रुख किया। जनवरी 2019 में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।