हैदराबाद। (भाषा) भारत बायोटेक ने मंगलवार को कहा कि 150 रूपये प्रति खुराक की दर से केंद्र सरकार को कोविड-19 रोधी कोवैक्सीन टीके की आपूर्ति लंबे समय तक वहनीय नहीं है। उसने एक बयान में कहा कि इसलिए लागत की भरपाई के लिए निजी बाजार में इसके ऊंची कीमत जरूरी है। उसने कहा कि केंद्र के आपूर्ति मूल्य की वजह से भी निजी क्षेत्र के लिए कीमत में वृद्धि हो रही है। कंपनी ने भारत में निजी क्षेत्र के लिए उपलब्ध दूसरे कोविड-19 टीकों की तुलना में कोवैक्सीन की अधिक दर को उचित ठहराते कहा कि कम मात्रा में इसकी खरीद, वितरण में आने वाली अधिक लागत और खुदरा मुनाफे आदि बुनियादी कारोबारी कारणों से कोवैक्सीन महंगी हो जाती है।
The supply price of COVAXIN to Govt of India at Rs 150/dose, is a non-competitive price & clearly not sustainable in the long run. Hence a higher price in private markets is required to offset part of the costs: Bharat Biotech
— ANI (@ANI) June 15, 2021
भारत बायोटेक फिलहाल केंद्र सरकार को 150 रूपये प्रति खुराक, राज्य सरकारों को 400 रूपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों को 1200 रूपये प्रति खुराक की दर से कोवैक्सीन की आपूर्ति कर रही है।कंपनी ने कहा, ‘‘भारत सरकार को 150 रूपये प्रति खुराक की दर से कोवैक्सीन टीके की आपूर्ति गैर-प्रतिस्पर्धी कीमत है और यह स्पष्ट रूप से लंबे समय तक वहनीय नहीं है। इसलिए निजी बाजार में उसकी ऊंची कीमत लागत की भरपाई के लिए जरूरी है।’’ केंद्र के निर्देश के अनुसार कोवैक्सीन के कुल उत्पादन का 10 फीसद से भी कम हिस्सा निजी अस्पतालों को दिया जाता है जबकि उसका बाकी बहुत बड़ा हिस्सा राज्यों एवं केंद्र के पास जाता है। भारत बायोटेक ने कहा, ‘‘ ऐसे परिदृश्य में उसे सभी आपूर्ति से कोवैक्सीन पर औसत दाम प्रति खुराक 250 रूपये से भी कम मिलता है।
500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश कर चुकी
थोड़ा आगे बढ़ा जाए तो , करीब 75 फीसद उत्पादन राज्य एवं केद्र सरकारों को मिलेगा और बस 25 फीसद निजी अस्पतालों के पास जा रहा है।’’ उसने बताया कि भारत बायोटेक टीके के विकास, क्लिनिकल ट्रायल तथा कोवैक्सीन के लिए निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए अब तक 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश कर चुकी है। उसने कहा कि टीकों एवं अन्य दवाओं का मूल्य निर्धारण जींसों एवं कच्चे मालों की लागत, उत्पाद विफलता, आदि बातों पर निर्भर करता है। उसने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) ने सार्स कोव 2 वायरस की अभूपर्ति, पशुओं पर अध्ययन , वायरस विश्लेषण, परीक्षण किट और क्लीनिक परीक्षण स्थलों के लिए आंशिक वित्तपोषण के सिलसिले सहयोग किया और इस बहुमूल्य सहयोग के लिए भारत बायोटेक आईसीएमआर एवं राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान को उत्पादों के बिक्री के आधार पर रॉयल्टी देगी।