नई दिल्ली। कोरोनाकाल में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ठग नए-नए तरकीब लगाकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। इसी कड़ी में अब फेक ऐप्स के जरिए ठगी करने का मामला सामने आया है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने चीनी नागरिकों द्वारा चलाए जा रहे एक सिंडिकेट का भंडापोड़ किया है, जो लोगों के डेटा चोरी कर फर्जी निवेश ऐप के जरिए 5 लाख से अधिक भारतीयों से 150 करोड़ से अधिक रूपये ठग लिए हैं।
लोगों को निवेश करने के लिए लालच दिया जाता था
सिंडिकेट में शामिल लोग फर्जी ऐप्स के जरिए वित्तीय निवेश योजना चला रहे थे और वे लोगों को आश्वासन देते थे कि उनका पैसा सुरक्षित है। बाद में उन्हें बड़ा रिटर्न दिया जाएगा। साइबर सेल ने खुलासा किया है कि ये ऐप चीनी नागरिकों द्वारा धोखाधड़ी के लिए मल्टीलेवल मार्किटिंग मॉडल का उपयोग करके चालए गए थे। लोगों को निवेश करने के लिए लालच दिया जाता था। शुरू में निवेश की हुई राशि पर पांच से 10 प्रतिशत तक लाभ दिया जाता है, जिससे लोगों को ऐप पर विश्वास हो जाता है। लेकिन जैसे ही निवेशक बड़ी मात्रा में निवेश कर देता है। उसके बाद ऐप पर से उसका खाता ब्लॉक कर दिया जाता है।
पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया
हालांकि अब पुलिस ने ठगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। साइबर क्राइम सेल के डिप्टी कमीशनर अन्येश रॉय के मुताबिक धोखेबाजों द्वारा बड़ी संख्या में ऐसे ऐप्स प्रसारित किए गए थे और इनमें से कुछ फ्रॉड ऐप्स को Google Play Store पर लिस्ट किया गया था। रॉय ने बताया कि ठगी गई कुल राशि लगभग 150 करोड़ है। लेकिन अभी तक कैश, बैंक खातों और भुगतान गेटवे के जरिए 12 करोड़ वसूले गया हैं। बतादें कि 5 लाख से अधिक लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई को ऐसे ऐप्स में निवेश किया है।
सोशल मीडिया के जरिए लोगों से करते थे संपर्क
मुख्य चीनी हैंडलर व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे विभिन्न ऐप के जरिए लोगों से संपर्क करता था और इच्छुक व्यक्तियों को फर्जी बैंक खातों की खरीद, शेल कंपनियां बनाने, ऐप्स को प्रसारित करने के लिए लोगों को पार्टनर बनाते थे और फिर उनसे काम कराते थे। अन्येश रॉय के अनुसार उन्हें पावर बैंक और इजी ऐप के बारे में शिकायत मिली थी। भारत में ये ठग पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरू, ओडिशा, असम और सूरत में रह रहे थे।