रायपुर: कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु को दृष्टिगत करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधानों में शिथिलीकरण का अहम फैसला लिया है, जिसका प्रत्यक्ष लाभ शासकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों की मृत्यु के उपरांत उनके परिजनों को तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति के रूप में मिल रहा है। धमतरी जिले में अनुकम्पा नियुक्ति में शिथिलीकरण के फैसले के बाद शासकीय कर्मचारियों की मृत्यु के नौ प्रकरणों में उनके निकटतम परिवारजनों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है।
धमतरी के मराठापारा वार्ड निवासी सुनील कुमार गायकवाड़, जो कि स्कूल शिक्षा विभाग में लिपिक के पद पर पदस्थ थे, का आकस्मिक निधन अगस्त 2020 में हो गया। ऐसे में उनका परिवार बेसहारा हो गया और आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई। वहीं प्रदेश सरकार ने गत माह अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान में शिथिलीकरण किया, जिससे मृतक कर्मचारी सुनील गायकवाड़ की बेटी अंकिता को सहायक ग्रेड-03 के पद पर फौरी तौर पर नियुक्ति मिल गई, जिससे उनके परिवार को सहारा मिला गया।
अंकिता ने बताया कि 17 अगस्त 2020 को उनके पिता की मृत्यु हो गई, जिसके बाद वह परिवार के सामने भरण-पोषण की दिक्कतें आ गईं। रसायन विज्ञान में एमएमसी तक शिक्षित अंकिता ने घर चलाने के लिए बच्चों को ट्यूशन देने लगीं जिससे परिवार को काफी हद तक सहारा मिला, फिर भी परिवार चलाने के लिए यह नाकाफी था।
इसी बीच छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोरोना काल में किसी शासकीय सेवक की मृत्यु पर 10 प्रतिशत के बंधन को खत्म कर अनुकम्पा प्रदान करने का आदेश मिला जिसका फायदा गायकवाड़ परिवार को भी मिला। जिला शिक्षा अधिकारी ने कु. अंकिता को सहायक ग्रेड-03 के तौर पर शिवसिंह वर्मा शासकीय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धमतरी में अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की।