नई दिल्ली। भारत में अगर किसी से पूछा जाए कि ‘द वॉल’ के नाम से किन्हें जाना जाता है तो लोग आसानी से राहुल द्रविड़ का नाम ले लेंगे। लेकिन कम ही लोग हैं जो जानते हैं कि द्रविड से पहले इस उपाधि से अशुंमान गायकवाड़ को जाना जाता था। गायकवाड़ तेज गेंदबाजों के सामने चट्टान की तरह खड़े हो जाते थे। विदेशी क्रिकेटर उन्हें ‘दी ग्रेड वॉल’ के नाम से बुलाते थे।
इनके पिता भी भारत के लिए खेल चुके हैं
23 सितंबर 1952 को मुंबई में जन्में अशुंमान गायकवाड़ के पिता का नाम दत्ता गायकवाड़ है। वे भी भारत के पूर्व क्रिकेटर हैं। उन्होंने भारत के लिए 11 टेस्ट मैच खेले हैं। खैर आज हम बात कर रहे हैं दी ग्रेट वॉल अशुंमान गायकवाड़ की। अशुंमान ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 27 दिसंबर 1974 को कोलकाता में टेस्ट मैच से भारत के लिए पदार्पण किया था।
48 घंटे तक ICU में रहना पड़ा था
उन दिनों वेस्ट इंडीज दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम थी। उनके पास शानदार पेस अटैक था। लेकिन दाएं हाथ के बल्लेबाज अशुंमान गायकवाड़ मानों उनके सामने बल्ला गाड़ कर खेड़े हो जाते थे। हालांकि एक बार उन्हें वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज वनबर्न होल्डर की गेंद का शिकार होना पड़ा था। होल्डर का एक खतरनाक बाउंसर सीधे गायकवाड़ के कान में आ लगी थी। जिसके बाद उन्हें 48 घंटे तक ICU में रहना पड़ा था।
पाकिस्तान के खिलाफ 201 रनों का विशाल स्कोर
गायकवाड़ ने भारत के लिए 10 साल क्रिकेट खेले। खास बात ये है कि उन्होंने कोलकाता से ही क्रेकिट में पदार्पण किया था और अंतिम मैच भी इंगलैंड के खिलाफ साल 1984 में कोलकाता में ही खेला। उन्होंने 30.07 के औसत से 2 शतक और 10 अर्धशक लगाकर 40 टेस्ट मैचों में 1985 रन बनाए थे। उनका सर्वोच्च टेस्ट स्कोर पाकिस्तान के खिलाफ जालंधर में 201 रनों का था। इस मैच में उन्होंने पिच पर 671 मिनट बिताए थे और भारत के लिए मैच को ड्रॉ कराया था।
दो बार भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बने
गायकवाड़ क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद 1992 से लेकर 1996 तक नेशनल सलेक्टर रहे। इसके साथ ही वे दो बार भारतीय क्रिकेट टीम के कोच भी रहे। पहले 1997 से लेकर 1999 तक और दूसरी बार जब कपिल देव ने इस्तीफा दिया था।