नई दिल्ली। भारत में रेलवे को लाइफलाइन कहा जाता है। यहां 75% लोग लंबी दूरी के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कई बार हम ट्रेन से इतने परिचित होने के बाद भी उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते। आपने ट्रेन में सफर तो जरूर किया होगा। मगर क्या आपने कभी ट्रेन के डिब्बों पर लिखे नंबरों पर गौर किया है। शायद किया भी होगा तो आपने इसके बारे में जानने की कोशिश नहीं की होगी। लेकिन आज हम आपको बताएंगे की ये नंबर क्यों लिखे जाते हैं।
नंबर में ट्रेन की पूरी जानकारी होती है
दरअसल, इस नंबर में ट्रेन की पूरी जानकारी छिपी होती है। जैसे ट्रेन सुपरफास्ट है, या नहीं। ये ट्रेन कहां से आ रही है और कहां जा रही है आदि। आपको बतादें कि भारतीय रेलवे ने अब गाड़ी नंबर को 5 अंक का कर दिया है। इससे पहले यह 4 अंक का हुआ करता था। रेलवे ने 20 दिंसबर 2010 को ट्रेन के 4 अंक वाले नंबर को 5 अंक में तब्दील कर दिया था। ट्रेन नंबर का पहला डिजिट 0 से लेकर 9 तक हो सकता है। हर एक नंबर के अलग-अलग मायने होते हैं।
0-9 तक होता है पहला डिजिट
पहला डिजिट अगर 0 से शुरू हो रहा है तो यह ट्रेन स्पेशल ट्रेन है। 1 से शुरू होने वाली ट्रेन लंबी दूरी की ट्रेन होती हैं। 2 नंबर भी लंबी दूरी की ट्रेन में ही इस्तेमाल होता है। लेकिन ऐसा तब होता है जब ट्रेन का पहला डिजिट 1 से शुरू हो। 3 नंबर से शुरू होने वाली ट्रेन कोलकता सब अर्बन ट्रेन के बारे में बताता है। 4 नंबर से शुरू होने वाली ट्रेन चेन्नई, नई दिल्ली, सिंकदराबाद और अन्य मेट्रोपॉलिटन शहर को दर्शाता है। 5 नंबर, कंन्वेंशनल कोच वाली पैसेंजर ट्रेन होती है। नंबर 6 से शुरू होने वाली ट्रेन मेमू ट्रेन का प्रतिनिधित्व करती है। 7 नंबर, डूएमयू और रेलकार सर्विस के लिए होता है। 8 नंबर की ट्रेन मौजूदा समय में आरक्षित स्थिति के बारे में बताता है। जबकि 9 नंबर की ट्रेन मुंबई क्षेत्र की सब-अर्बन ट्रेन के बारे में बताता है।
दूसरे अंक क्या दर्शाते हैं
पहले डिजिट के बाद ट्रेन नंबर के दूसरे और उसके बाद के डिजिट रेलवे जोन और डिवीजन को बताते हैं। जैसे 0- कोंकण रेलवे, 1- सेंट्रल रेलवे, वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, 2 – सुपरफास्ट, शताब्दी, जन शताब्दी तो दर्शाता है। इन ट्रेन के अगले डिजिट जोन कोड को दर्शाते हैं।, 3 – ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे, 4 – नॉर्थ रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे, 5 – नेशनल ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे, 6 – साउथर्न रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे, 7 – साउथर्न सेंट्रल रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे, 8 – साउथर्न ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट कोस्टल रेलवे, 9 – वेस्टर्न रेलवे, नार्थ वेस्टर्न रेलवे और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे