जबलपुर। प्रदेश में संक्रमण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह थमी नहीं थी कि ब्लैक और व्हाइट फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं। अब एक और नई मुसीबत सामने आ गई है। अब ब्लैक और व्हाइट फंगस के बाद जबलपुर में क्रीम फंगस भी देखने को मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पहली बार यह क्रीम फंगस सामने आया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में क्रीम फंगस का भी एक मरीज मिला है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग द्वारा मरीज का इलाज शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अकेले जबलपुर की बात करें तो 100 से ज्यादा फंगस के मरीज यहां अपना इलाज करा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में 106 मरीज इलाजरत हैं जिनमें से 39 मरीजों का ऑपरेशन भी किया जा चुका है। इन्हीं मरीजो में से एक मरीज में क्रीम फंगस की पुष्टि हुई है जबकी 50 से अधिक ब्लैक फंगस के मरीज निजी अस्पतालों में इलाजरत हैं।
कोरोना के मामलों में आया सुधार…
वहीं कोरोना की बात करें तो प्रदेश में हालात सुधर रहे हैं। कोरोना के कहर से राहत की खबरें आने लगी है। प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार अब धीमी होती दिख रही है। प्रदेश के 46 जिलों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार 5 प्रतिशत से भी कम है। केवल 6 ही जिले ऐसे बचे हैं जहां कोरोना संक्रमण की रफ्तार 5 प्रतिशत से अधिक है। इन जिलों में इंदौर (8.1%), भोपाल (7.7%), सागर (7%), रतलाम (6.1%), अनूपपुर (6.6%) और रीवा में (5.2%) हैं। इन जिलों का यह साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट है। बाकी के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 5 प्रतिशत से नीचे पहुंच गई है।
गुरुवार को सामने आए रिकॉर्ड की बात करें तो प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 2.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है। प्रदेश के सिर्फ दो जिलों भोपाल और इंदौर ही ऐसे हैं जहां पॉजिटिव आने वाले मरीजों की संख्या 100 से ज्यादा है। बाकी के सभी शहरों में रोजाना 100 से कम मरीज सामने आ रहे हैं। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 24 घंटे में 1977 केस सामने आए हैं। यह पूरे प्रदेशभर का आंकड़ा है। प्रदेश का साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 4% और गुरुवार का पॉजिटिविटी रेट 2.8% है।