नई दिल्ली। भारत में जिस तेजी से कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) फैल रही है, उतनी ही तेजी से बीमारी से बचने या कोविड-19 के इलाज के लिए घरेलू नुस्खे (Home remedies for covid-19 cure) और अन्य उपाय भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। कोई शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाने के लिए लौंग, अजवाइन, कपूर और यूकेलिप्टस के तेल की पोटली बनाकर सूंघने की सलाह दे रहा है तो कोई प्याज-लहसुन और किचन में मौजूद अन्य मसालों को खाने की बात कर रहा है। कोरोना महामारी के समय सोशल मीडिया पर घरेलू नुस्खों और उपायों की बाढ़ सी आ रखी है।आपको कोरोन से बचाव के लिए सोशल मीडिया पर वायरल किसी भी तरह के नुस्खे को अपनाने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जान लेनी चाहिए।
PIB के फैक्ट चेक में झूठा निकला दावा
सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोगों को कोरोना का इलाज करने के तरीके बताए जा रहे हैं। लेकिन कोरोना उपचार के लिए घर पर कोई भी तरीका अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए। क्योंकि एक गलत कदम आपकी जिंदगी में बड़ी परेशानी ला सकता है। दरअसल, एक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में कहा जा रहा है कि आयुष काढ़ा तीन दिन पीने से कोरोना वायरस ठीक हो जाता है। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ‘आयुष काढ़ा’ पीने से कोरोना संक्रमित व्यक्ति तीन दिन के अंदर ठीक हो सकता है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ‘आयुष काढ़ा’ पीने से #कोरोना संक्रमित व्यक्ति तीन दिन के अंदर ठीक हो सकता है।#PIBFactCheck: यह दावा #भ्रामक है। केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ही @moayush द्वारा ‘आयुष काढ़ा’ पीने की सलाह दी गई है। pic.twitter.com/lesD3iVyRf
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 17, 2021
आयुष मंत्रालय का बताया जा रहा है काढ़ा
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में कहा गया है कि 30 ग्राम तुलसी पाउडर, 20 ग्राम काली मिर्च, 30 ग्राम सोंठ, 20 ग्राम दालचीनी को पीस लें और उबलते पानी में डालकर काढ़ा बनाएं। मैसेज में कहा गया है कि आयुष मंत्रालय की ओर से बताए इस विशेष दिव्य काढ़े के सेवन से कोरोना के 6000 मरीज पर किया आयुर्वेदिक प्रयोग और उनमें से मात्र 3 दिन के अंदर ही 5989 मरीज निगेटिव हुए।
इन भ्रामक और झूठे दावों को रोकने की जरूरत
महिला का ऐसा मानना था कि कोविड वैक्सीन उसके और उसके परिवार वालों के लिए खतरनाक हो सकती है (Women believed vaccine could be dangerous)। इसलिए उसने वैक्सीन लेने की जगह घरेलू नुस्खा अपनाना बेहतर समझा। अखबार की रिपोर्ट में आगे कहा गया कि कोविड-19 के इलाज के लिए इस तरह के जो झूठे और गलत दावे किए जा रहे हैं वह भी एक बड़ी समस्या है जिसे सामने लाने और सही समय पर सुलझाने की जरूरत है।