नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने न जाने कितने लोगों की जिंदगियों को लील लिया। लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले राफेल परिवार की कहानी बेहद ही दर्दनाक है। यहां दो जुड़वा भाइयों जोफ्रेड वर्गीस ग्रेगोरी और रालफ्रेड जॉर्ज ग्रेगोरी की कोविड ने जान ले ली। पेश से इंजीनियर 24 वर्षीय दोनों भाई महज कुछ घंटे के अंदर काल के गाल में समा गए।
एक साथ दुनिया को कहा अलविदा
दोनों भाई एक साथ धरती पर आए और एक साथ ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक जोफ्रेड और रालफ्रेड का जन्म 23 अप्रैल 1997 को हुआ था। दोनों भाई अपने 24वें जन्मदिन के अगले दिन यानी 24 अप्रैल को वायरस की चपेट में आ गए। दोनों भाई हैदराबाद में साथ में ही नौकरी किया करते थे।
पिता को मालूम था
उनके पिता ग्रेगोरी रेमंड राफेल बताते हैं कि उन्हें जैसे ही पता चला कि दोनों भाई संक्रमण की चपेट में आ गए हैं, तो उन्हें लग गया था कि दोनों ठीक होंगे तो एक साथ आएंगे, नहीं तो कोई नहीं आएगा। क्योंकि आज तक जो भी एक को होता था, वो दूसरे को भी होता था। उन्होंने कहा कि उनके जन्म से ही ऐसा चल रहा था।
अस्पताल ले जाने में हुई देरी
परिवार ने बताया कि शुरूआत में दोनों भाइयों का इलाज घर पर ही किया जा रहा था। लेकिन लागातार बुखार के कारण उनका ऑक्सीजन लेवल 90 पर पहुंच गया जिसके बाद डॉक्टरों मे उन्हें अस्पताल ले जाने की सलाह दी। लेकिन जब तक वह अस्पताल पहुंचे तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कुछ दिनों तक इलाजरत रहने के बाद पहले जोफ्रेड का निधन हो गया और उसके कुछ घंटों बाद रालफ्रेड भी इस दुनिया को छोड़ कर चला गया।
रालफ्रेड को पहले से पता था
जोफ्रेड और रालफ्रेड की मां ने बताया कि रालफ्रेड ने आखिरी बार जब कॉल किया था, तब वो अस्पताल के बिस्तर से बात कर रहा था। उसने बताया कि उसकी हालत में सुधार है। इसके बाद उसने जोफ्रेड की तबियत के बारे में पूछा। तब तक जोफ्रेड का निधन हो चुका था। इसलिए मां ने एक कहानी बनाई और रालफ्रेड को बताया कि जोफ्रेड को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया गया है। इस पर रालफ्रेड ने अपनी मां से कहा कि आप झूठ बोल रही हैं। मुझे मालूम है कि जोफ्रेड कहां है। शायद रालफ्रेड को सबकुछ पहले से पता था।