Coronavirus: देश में एक बार फिर से कोरोना ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है। संक्रमितों के आंकड़ों में बढ़ोतरी के साथ-साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। हालांकि पिछले 24 घंटों में नए मामलों में गिरावट आई है लेकिन फिर भी देश में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 61 हजार के पार है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस समय देश में 12 लाख 64 हजार से अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हैं और इन लोगों का अस्पतालों में या उनके घर पर ही इलाज चल रहा है। लेकिन यह आंकडा क्यों बढ़ रहा है और मरीजों को कैसे पता चलना चाहिए कि उन्हें अब तुरंत अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है? आइए जानते हैं-
कोरोना टेस्ट कब कराएं
डॉक्टर्स का कहना है कि कोविड के लक्षण आम सर्दी-जुकाम से मिलते जुलते हैं। इसलिए लापरवाही ना बरतते हुए अगर आपको खांसी, गले में खराश, बुखार हो तो कोविड जांच करा लेनी चाहिए। कोरोना टेस्ट निजी या फिर सरकारी अस्पताल में करा सकते हैं। टेस्ट रिपोर्ट आपको 4 से 24 घंटे के बीच मिल जाती है।
RT-PCR टेस्ट में सीटी वैल्यू को कैसे समझ सकते हैं?
डॉक्टरों का कहना है कि, ‘RT-PCR टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पर सीटी वैल्यू भी लिखा होता है। इस सीटी वैल्यू से पता चलता है कि संक्रमितों में वायरल लोड कितना है। लेकिन आम जनता को सिर्फ पॉजिटिव और निगेटिव जानने की ही जरूरत होती है।
अगर कोविड मरीज घर पर आइसोलोट है तो इस स्थिति में जाने से तुरंत अस्पताल में हो जाएं भर्ती
डॉक्टर्स का इस बारे में कहना है कि ‘अगर लगातार तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन सेचुरेशन (संतृप्ति) कम हो, मरीज में बेचैनी, घबराहट, न्यूरोलॉजिकल डिस्टरबेंस (बाधा) जैसे मेमोरी में बाधा, सिर में बहुत तेज दर्द, अचेतना की अवस्था, इस तरह के लक्षण आएं तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है।’