तोक्यो। (एपी) जापान की सरकार ने मंगलवार को तय किया कि वह तबाह हो चुके फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से शोधित रेडियोधर्मी पानी की बड़ी मात्रा को अगले दो वर्षों में प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू करेगा। इस कदम का स्थानीय मछुआरों और निवासियों ने कड़ा विरोध किया है। लंबे समय से इस फैसले की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन सुरक्षा चिंताओं एवं विरोध के कारण इसमें देरी हुई। अब यह फैसला कैबिनेट मंत्रियों की बैठक में लिया गया जिन्होंने पानी को महासागर में छोड़े जाने को ही बेहतर विकल्प बताया है।
Japan says it plans to start releasing huge amounts of treated radioactive water into the sea in two years' time. The water is stored in tanks at the wrecked Fukushima nuclear plant which melted down ten years ago. https://t.co/3fNYyjI6N1
— The Associated Press (@AP) April 12, 2021
क्या कहा प्रधानमंत्री योशिहिदे ने
यहां जमा पानी को 2011 के बाद से फुकुशिमा दाइची संयंत्र में टंकियों में संग्रहित किया गया है जब भीषण भूकंप और सुनामी ने संयंत्र के रिएक्टरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और इनका पानी (कूलिंग वाटर) दूषित हो गया और इसका रिसाव होने लगा। संयंत्र के संचालक, तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (तेपको) ने कहा कि अगले साल के अंत तक इसकी भंडारण क्षमता पूर्ण हो जाएगी। प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि महासागर में पानी छोड़ा जाना “सबसे व्यावहारिक” विकल्प है और फुकुशिमा संयंत्र को बंद करने के लिए पानी का निस्तारण “अपरिहार्य” है जिसमें कई दशक का वक्त लगने का अनुमान है।
दो साल तक का लग सकता है समय
तेपको और सरकार के अधिकारियों ने कहा कि ट्रीटियम को पानी से अलग नहीं किया जा सकता है जो कम मात्रा में हानिकारक नहीं होता है लेकिन अन्य सभी चयनित रेडियोन्यूक्लाइड्स का स्तर इतना कम किया जा सकता है कि वे पानी में छोड़ने लायक बन जाएं। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि पानी की इतनी अधिक मात्रा से कम खुराक के संपर्क में आने से समुद्री जीवन पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
कितने घातक हैं रेडियोधर्मी तत्व
रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोड़ने से पहले ट्रीट किया जाएगा ताकि उसका घातक असर कम हो सके, लेकिन तब भी वो इतना खतरनाक होगा कि समुद्र के पानी को जहरीला बना देगा। रेडियोधर्मी वेस्ट परमाणु बिजलीघरों में परमाणु ऊर्जा तैयार करने के दौरान तैयार होता है। इसमें प्लूटोनियम और यूरेनियम जैसे खतरनाक तत्व होते हैं। बता दें ये ऐसे तत्व हैं, जिसके संपर्क में आते ही कुछ ही दिनों के भीतर स्वस्थ से स्वस्थ इंसान दम तोड़ देता है क्योंकि ये सीधे खून से प्रतिक्रिया करते हैं। इसके अलावा धीमी गति से क्रिया करने पर भी ये स्किन, बोन या ब्लड कैंसर जैसी घातक बीमारियां देते हैं।