रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अबतक 22 जवानों के शव जंगल से मिले हैं। जबकि 1 जवान अभी भी लापता बताया जा रहा है। वहीं इस हमले के पीछे टॉप नक्सल कमांडर हिडमा का नाम सामने आ रहा है। हिडमा को निर्मम हत्याओं के लिए जाना जाता है वो कई हमलों में शामिल रहा है। ऐसे में आज हम हिडमा की पूरी कुंडली जानने की कोशिश करेंगे।
90 के दशक में बना था नक्सली
सुकमा जिले के पुवार्ती गांव का रहने वाला हिडमा करीब 40 साल का है। 90 के दशक में उसने हिंसा का रास्ता चुना और नक्सली बन गया। तब से लेकर अब तक वह कई निर्दोष लोगों की जान ले चुका है। वर्तमान में हिडमा पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीजीएलए) बटालियन-1 का हेड है। इसके साथ ही वह माओवादी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का भी सदस्य है। साथ ही सीपीआई (माओवादी) की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का वह युवा सदस्य है।
फर्रादेदार अंग्रेजी बोलता है
हिडमा गुरिल्ला हमला करने में माहिर माना जाता है। वह हमेशा छिपकर रहता है। यही कारण है कि उसकी हाल की कोई तस्वीर भी नहीं उपलब्ध है। हिडमा के बारे में कहा जाता है कि वह कभी स्कूल नहीं गया, लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है। उसके पास हमेशा एके-47 जैसे खतरनाक हथियार रहते हैं। साथ ही उसकी टीम में करीब 200-250 नक्सली हैं, जिसमें कई महिलाएं भी शामिल है। यही कारण है कि सरकार ने हिडमा के सिर पर 25 लाख का इनाम घोषित किया है।
4 साल पहले हिडमा को गोली लगी थी
गौरतलब है कि चार साल पहले सुकमा में चलाए गए ऑपरेशन प्रहार में उसे गोली लगी थी, लेकिन इसके बावजूद वह भागने में सफल रहा था। हिडमा इससे पहले भी कई बड़े हमले कर चुका है। साल 2017 में सुकमा के भेज्जी में हुए हमले में भी हिडमा का भी हाथ था। इस हमले में CRPF के 12 जवान शहीद हो गए थे। जबकि साल 2013 में झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हुए हमले में भी हिडमा का ही हाथ था। इस हमले कांग्रेस नेताओं समेत करीब 30 लोगों की ह्त्या कर दी गई थी।
इतना ही नहीं साल 2010 में चिंतलनार के करीब CRPF के 76 जवानों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले के पीछे भी हिडमा ही शामिल था।