भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों को कई बार टाला गया है। कोरोना महामारी का संकट भी इन चुनावों पर काफी बरसा है। अब सोमवार को ग्वालियर हाईकोर्ट में नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण को लेकर सुनवाई होनी है। इस सुनवाई के बाद भी चुनावों की स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को कोर्ट में जवाब पेश करना होगा। माना जा रहा है कि इस सुनवाई के बाद प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों को लेकर भी कुछ स्थिति साफ हो जाएगी।
सोमवार को आरक्षण को लेकर होने वाली सुनवाई में 81 नगरीय निकायों में रोटेशन प्रक्रिया को लेकर शिवराज सरकार को जवाब पेश करना है। इससे पहले हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया में गलती पाए जाने के बाद इस पर रोक लगा दी थी। इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि रोटेशन पद्धति की अनदेखी कर अध्यक्ष पदों का आरक्षण किया गया है। जिसमें आरक्षित व्यक्ति को दो बार चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। वहीं अनारक्षित वर्ग के व्यक्ति को चुनाव लड़ने का मौका ही नहीं मिलेगा।
आगे बढ़ सकती है प्रक्रिया…
बता दें कि इससे पहले पंचायत की चुनाव की प्रक्रिया भी अध्यक्ष पद पर आरक्षण न होने की वजह से चुनाव रुक गया था। अब इस मामले की सुनवाई के बाद ही इन चुनावों को लेकर स्थिति साफ होने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव कई बार की सुगबुगाहट के बाद टाले गए हैं। कमलनाथ की सरकार में भी इन्हें टाला गया था।
इसके बाद शिवराज सरकार में भी इन चुनावों को स्थगित किया गया। इसके बाद से लगातार कोरोना बना हुआ है। इन कारणों से यह चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां भी लगभग पूरी कर लीं थी। हालांकि पुलिस फोर्स मौजूद न होने के कारण भी चुनाव नहीं हो पाए थे। अब बोर्ड परीक्षाओं को लेकर माना जा रहा है कि इन परीक्षाओं के बाद ही चुनाव आयोजित किए जा सकेंगे।