नई दिल्ली। वैसे तो चुनाव के माहौल में सभी जगह जीत—हार को लेकर सरगर्मी तेज हो जाती है West Bengal Election पर इस बार पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर सभी ये जानने को उत्सुक हैं कि नंदीग्राम में किसके सिर जीत का ताज होगा। ज्योतिष के अनुसार के ममता दीदी और अधिकारी की ग्रहों की चाल समझने की कोशिश करते हैं और अंदाजा लगाते हैं कि जीत का ताज किसके सिर होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार अगर 2 मई के दिन में परिणाम घोषित होते हैं तो फैसला ममता के पक्ष में जाएगा और अगर 2 मई की रात 12 बजे के बाद परिणाम घोषित हुए तो बंगाल का ताज शुंभेदु पहन सकते हैं।
अधिकारी का भाग्य भाव है कमजोर
शुभेंदु अधिकारी की कुंडली कन्या लग्न की है। तृतीय भाव में केतु बैठे हैं। चतुर्थ भाव जनता के असर के लिए देखा जाता है जिसमें चंद्रमा है। जो अपनी मजबूत स्थिति दर्शा रहे हैं। जिससे साफ है जनता का भरपूर सहयोग शुभेंदु अधिकारी को मिलेगा। पांचवें भाव में शनि गुरु और बुध है। छठे भाव शत्रुओं के लिए कारक रहता है जिसमें शुक्र और सूर्य हैं। छठे भाव में शुक्र अपने मित्र की राशि में है परंतु अस्त है अतः ज्यादा असर नहीं दिखा पाएगा।
शत्रुओं को परास्त करने में अधिकारी कमजोर रहेंगे
सूर्य अपने शत्रु की राशि में है। अतः कमजोर है। इस प्रकार शत्रुओं को परास्त करने में अधिकारी कमजोर रहेंगे। नवम भाव में राहु और मंगल भाग्य के लिए जिम्मेदार हैं। बाकी भाव खाली हैं। नवम भाव में राहु अत्यंत खराब फल देते हैं। मंगल जो अच्छे फल दे सकता है। वह अपने सम ग्रह के भाव में है। अतः कोई बहुत मजबूत नहीं है। नवम भाव को नीच के गुरु शत्रु दृष्टि से देख रहे हैं इस प्रकार यह भी खराब फल देंगे। अतः हम कह सकते हैं कि अधिकारी का भाग्य भाव कमजोर है।
राज्य भाव में कोई ग्रह नहीं है। चंद्रमा इसको देख रहा है। राज्येश बुध पंचम भाव में अपने सम राशि में बैठा हुआ है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि राज्य से अधिकारी को कोई मदद नहीं मिलेगी। इसके साथ यह भी कहा जा सकता है कि राज्य कोई बहुत ज्यादा दिक्कत भी अधिकारी को नहीं देगा।
मूलतः इस कुंडली में श्री अधिकारी के पक्ष में चतुर्थ भाव है छठा भाव और दशम भाव न्यूट्रल है तथा नवम भाव बहुत कमजोर है। श्री अधिकारी का इलेक्शन केतु में बुध में गुरु की प्रत्यंतर दशा में होना है। इसमें केतु की महादशा अधिकारी के लिए अच्छी है। बुध की अंतर्दशा सामान्य है। गुरु की प्रत्यंतर दशा सामान्य से नीचे है। इस प्रकार इस कुंडली के हिसाब से विंशोत्तरी दशा के अनुसार चुनाव के समय अधिकारी की विंशोत्तरी दशा सामान्य है।
शुभेंदु के लिए जनता का भाव है मजबूत
2 मई की बात करें तो उस समय इस कुंडली के अनुसार केतु की महादशा में बुद्ध की अंतर्दशा में शनि का प्रत्यंतर रहेगा। शनि इस कुंडली में छठे और पांचवें भाव का स्वामी है तथा स्वराशि में है अतः मजबूत है। अतः चुनाव के परिणाम आने के दिन श्री अधिकारी की विंशोत्तरी दशा अच्छी है। इस कुंडली के तीसरे बिंदु गोचर पर ध्यान देते हैं। 2 मई को इस कुंडली के छठे भाव में गुरु है। राहु और बुध नवम भाव में है। मंगल राज्य भाव में तथा चंद्रमा केंद्र में है। यानि गुरु की स्थिति खराब है, भाग्य भाव भी अशुभ है। राज्य भाव भी अशुभ है परंतु चंद्रमा की स्थिति बहुत अच्छी है अतः गोचर सामान्य है।
ममता की कुंडली में भाग्य है मजबूत
ममता की कुंडली कर्क लग्न की है। छठे भाव में चंद्रमा हैं। सातवें भाव में शनि, गुरु और बुध हैं। आठवें भाव में सूर्य और शुक्र हैं, एकादश भाव में राहु और मंगल है। चतुर्थ भाव में कोई ग्रह नहीं है। इसका स्वामी शुक्र अष्टम भाव में हैं जो मृत्यु का भाव माना जाता है। इस पर शनि की दृष्टि पड़ रही है जो कि बहुत अच्छी है।
ज्योतिषाचार्य श्री पाण्डेय के अनुसार ये इस बात का द्योतक है कि सामान्य जनता का सपोर्ट ममता को नहीं मिलेगा परंतु मुस्लिमों का सपोर्ट पूरी तरह से ममता के पक्ष में रहेगा। छठे भाव में बैठा चंद्रमा खराब स्थिति है। परंतु इसको मंगल देख रहा है जो बताता है कि ममता अपने दुश्मनों को परास्त कर सकेंगी यानी चुनाव जीत सकती हैं। नवम भाव में कोई ग्रह नहीं है परंतु नवम भाव का स्वामी नीच का है और सप्तम भाव में बैठा हुआ है।
इसके अलावा शनि सीधे भाग्य भाव को देख रहा है। शनि की सम दृष्टि थोड़ा ठीक फल देगी। इस भाव पर केतु की दृष्टि भी है जो अच्छी कही जा सकती है। इस प्रकार ममता जी का भाग्य उनका साथ देगा। दशम भाव में कोई ग्रह नहीं है और इस भाव स्वामी एकादश भाव में सम राशि में बैठा हुआ है। अतः राज्य से मामूली मदद मिल पाएगी। इस प्रकार ममता जी का छठा भाव और बारहवां भाव अच्छा कहा जा सकता है। वर्तमान में ममता के ऊपर केतु की महादशा में शनि की अंतर्दशा में शुक्र का प्रत्यंतर चल रहा है जो कि 16 मई तक रहेगा। इस प्रकार महादशा भी ममता जी की अच्छी है।
दो पक्ष शुभेंदु के तो दो पक्ष ममता के पक्ष में
परिणाम के लिए मुख्य रूप से 4 पक्षों को देखा जाता है जिसमें भाग्य, जनता का सहयोग, राज्य से मदद, विशनोत्तरी दशा को देखा जाता है। इसमें शुभेंदु की बात की जाए तो इनको राज्य से मदद नहीं मिलेगी परन्तु राज्य की ओर से कोई परेशानी भी नहीं होगी। भाग्य पक्ष इनका कमजोर है। जनता से इन्हें भरपूर सहयोग मिलेगा। विशनोत्तरी दशा इनकी सामान्य रहेगी। वहीं अगर ममता की बात की जाए तो इन्हें जनता का सहयोग नहीं मिलेगा। भाग्य इनका मजबूत रहेगा। राज्य से मामूली मदद मिलेगी। महादशा इनकी बहुत अच्छी है।
2 मई के गोचर पर निर्भर करेगा परिणाम
ज्योतिषाचार्य के अनुसार चुनाव का परिणाम 2 मई के गोचर पर निर्भर करता है। इस समय गुरु ग्रह अष्टम भाव में है। चंद्रमा और शनि एक साथ सप्तम भाव में है। सूर्य उच्च का होकर शुक्र के साथ दशम भाव में है। मंगल बारहवें भाव में है। इस प्रकार उपरोक्त दोनों कुंडलियों के तुलनात्मक अध्ययन से हम पाते हैं लग्न कुंडली ममता जी की मजबूत है। विंशोत्तरी दशा दोनों की अच्छी है परंतु गोचर ममता जी का अच्छा दिख रहा है।
लग्न कुंडली एवं गोचर में ममता जी की प्रश्न कुंडली ज्यादा मजबूत है। अत: अगर रिजल्ट 2 मई को घोषित होता है तो ममता जी निश्चित रूप से जीतेंगी और अगर 2 मई की रात 12 बजे के बाद परिणाम घोषित होते हैं तो परिणाम शुभेंदु के पक्ष में जा सकते हैं।