भोपाल। आदिवासी क्षेत्रों में रामलीला कराने को लेकर सियासत गरमा गई है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के आदिवासी नेता उमंग सिंघार का कहना है कि बीजेपी आदिवासी परम्पराओं को बढ़ाने की बात क्यों नहीं करती। रामलीला के बहाने बीजेपी सिर्फ आदिवासियों का वोट लेना चाहती है। भगवान राम जब वनवास में थे तो आदिवासियों ने ही सबसे ज्यादा उनकी मदद की थी। हनुमान जी और वानर भी आदिवासी हैं। आदिवासी क्षेत्र में जो विकास की योजनाएं स्वीकृत की गई थी। टेंडर हो गए लेकिन सरकार ने कैंसिल कर दिए।
वनवासी भाइयों से अलग करना चाहती है कांग्रेस- रामेश्वर शर्मा
उधर उमंग सिंगार के बयान के बाद बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस नेताओं पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह हो यह राहुल गांधी इन्होंने हमेशा से प्रभु श्रीराम को अपमानित करने की लकीर खिंची है अब उमंग सिंगार भी इन्हीं नेताओं की लकीर को आगे बढ़ाने में जुटे है।
कांग्रेस, माता सबरी के पुत्र वनवासी श्री राम को वनवासी भाइयों से दूर करना चाहती है। रामेश्वर शर्मा ने उमंग सिंगार के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन श्रीराम को दुनिया में वनवासी राम के नाम से पहचाना जाता हो । जिन्होंने माता शबरी के झूठे बैरो का स्वाद चखा हो ऐसे प्रभु श्रीराम पर पहला अधिकार हमारे वनवासी भाइयों का है। उस अधिकार को कांग्रेस छीनना चाहती है जो कि असम्भव है।
श्रीराम के चरित्र का यश गान राष्ट्र को सुनाया
शर्मा ने कहा कि श्रीराम के जागरण को रुकवाने की कई कोशिश अकबर ने की अकबर ने अनेक लोभ प्रलोभन के साथ साथ तुलसीदास जी को डराया धमकाया और श्रीराम का जनजागरण रोकने को कहा पर तुलसीदास ने अकबर को समझा दिया था कि वह अकबर की चाकरी के लिए नही रघुवर की चाकरी के लिए जन्मा है और वह श्रीराम नाम का जाप करते रहे उन्होंने श्रीराम के चरित्र का यश गान राष्ट्र को सुनाया । इसलिए तब जब अकबर श्रीराम का यशगान नही रोक पाया, अब तो श्रीराम का यशगान रोकपाना असम्भव है ।
श्रीराम के नारे लगा रही है
शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी श्रीराम का नाम राजनीति के लिए उपयोग नही करते है हम जब लोकसभा में 2 की संख्या में नही थे तब भी जय श्रीराम बोलते थे आज 319 है तब भी जय श्रीराम बोल रहे है और बोलते रहेंगे । राजनीति करने वाली कांग्रेस चंद वर्षों पहले श्रीराम को काल्पनिक बताती थी आज जय श्रीराम के नारे लगा रही है।